नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
अल्प संख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन बिल (waqf amendment bill) लोकसभा में पेश कर दिया है। इस विधेयक को पेश करते हुए किरेन रिजिजू (kiren Rijiju) कांग्रेस के ऊपर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि 2013 में दिल्ली वक्फ बोर्ड ने पार्लियामेंट की को भी वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया था। उन्होंने कहा कि इस बिल का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। किरेन रिजिजू ने कहा कि मुझे यकीन है कि विधेयक का विरोध करने वालों के दिलों में भी बदलाव आएगा और हर कोई इस बिल का समर्थन करेगा।
धार्मिक विषय से जुड़ा मामला नहीं- किरेन रिजिजू
बिल को पेश करते हुए किरेन रिजिजू ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल ( waqf amendment bill 2024) में किसी भी धार्मिक कार्यकलाप में हस्तक्षेप का कोई प्रावधान नहीं है। हम किसी भी मस्जिद के संचालन में हस्तक्षेप करने नहीं जा रहे। ये मस्जिद या धार्मिक क्रियाकलापों से जुड़ा मामला नहीं है। ये बस एक संपत्ति के मैनेजमेंट से जुड़ा विषय है। किरेन रिजिजू ने कहा कि कोई मुसलमान जकात देता है तो उसे पूछने वाले हम कौन होते हैं। हम तो बस उसके मैनेजमेंट से जुड़ी बात कर रहे हैं। इसका धार्मिक व्यवस्था से कोई लेना-देना नहीं है।
...संसद भी होती वक्फ की भूमि
किरेन रिजिजू ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 2013 में जबरन वक्फ बिल पास कराया गया। रिजिजू ने कहा कि तत्कालीन यूपीए सरकार ने चुनाव से ठीक पहले 5 मार्च 2014 को दिल्ली में 123 प्राइम प्रॉपर्टी को दिल्ली वक्फ बोर्ड को ट्रांसफर कर दिया था। कांग्रेस को लगा कि इससे वोट मिल जाएंगे, लेकिन कांग्रेस उसके बाद भी चुनाव हार गई। कांग्रेस पर तंज कसते हुए किरेन रिजिजू ने कहा कि वक्फ में तत्कालीन यूपीए सरकार ने ऐसे बदलाव किए कि मौजूदा संसद तक पर वक्फ ने दावा कर दिया था। अगर मोदी सरकार न आती तो बहुत संभव है कि डिनोटिफाई की गई बाकी संपत्तियों की तरह संसद की यह भूमि भी वक्फ होती।
"लोगों को गुमराह किया गया"
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि कई लोगों ने अपने अपने तरीके से बातें रखीं, किसी ने कहा ये बिल गैरकानूनी है। उन्होंने कहा कि ये बिल कोई नया विषय नहीं है। आजादी से पहले से इसका इतिहास शुरू होता है। अगर आप सच्चे दिल से सोचते तो आप इसपर विचार करते, जो कुछ लेना देना नहीं है इस बिल को लेकर लोगों को गुमराह किया गया है।