NAgpur News: डा. हेड़गेवार स्मृति मंदिर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के संस्थापकों को श्रद्धांजलि देने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दीक्षा भूमि में पहुंचकर डा. भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसी एतिहासिक स्थल पर 1956 में डा. भीमराव अंबेडकर ने हजारों अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म की दीक्षा प्राप्त की थी। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद रहे। दीक्षा भूमि के अध्यक्ष भदंत आर्य नागार्जुन ने पीएम का स्वागत किया।
Pmmodi ने दीक्षा भूमि में महात्मा बुद्ध की पूजा भी की।
जानिए रिकॉर्ड बुक ने पीएम ने क्या लिखा
दीक्षा भूमि पहुंचे प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी ने रिकॉर्ड बुक एक संदेश भी दर्ज किया। उन्होंने लिखा कि बाबा साहेब के पंच तीर्थों में से एक, नागपुर स्थित दीक्षा भूमि आने का सौभाग्य पाकर अभिभूत हूं। इस पवित्र स्थल के वातावरण में बाबा साहेब के सामाजिक समरसता, समानता और न्याय के सिद्धांतों का सहज अनुभव होता है। दीक्षा भूमि हमें गरीबों, वंचितों और जरूरतमंदों के लिए समान अधिकार और न्याय की व्यवस्था के साथ आगे बढ़ने की ऊर्जा देती प्रदान करती है।
विकसित और समावेशी भारत का निर्माण सच्ची श्रद्धांजलि
पीएम मोदी ने अपने संदेश में लिखा है कि इस अमृत कालखंड में हम बाबा साहेब अंबेडकर की शिक्षाओं और मूल्यों पर चलते हुए देश को प्रगति के शिखर पर ले जाएंगे, ऐसा मुझे पूर्ण विश्वास है। एक विकसित और समावेशी भारत का निर्माण ही बाबा साहेब हो हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
दीक्षा भूमि के बारे में जानिए
बौद्ध वास्तुकला पर आधारित
नागपुर स्थित दीक्षा भूमि एक विश्व प्रसिद्ध स्थल है, यहां लाखों लोगों ने विचार और जीवन में परिवर्तन का अनुभव किया है। मध्य प्रदेश के सांची में सम्राट अशोक द्वारा बनवाए गए सांची के स्तूप की प्रतिकृति, दीक्षा भूमि एशिया का सबसे बड़ा स्तूप है। 18 दिसंबर, 2001 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति केआर नारायणन ने इसका उदघाटन किया था।