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Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के एक दिन बाद गुरुवार को भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के सचिवों के साथ एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने देश के मौजूदा हालात को देखते हुए निरंतर सतर्कता, संस्थागत समन्वय और स्पष्ट संचार की आवश्यकता पर बल दिया। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा, परिचालन तैयारियों, नागरिक सुरक्षा तंत्र, गलत सूचना और फर्जी खबरों से निपटने की रणनीति और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर गहन चर्चा हुई।
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क्विक रिएक्शन प्रोसेस पर दिया जोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सचिवों को राज्य सरकारों और जमीनी संस्थाओं के साथ तालमेल बनाए रखने, त्वरित आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली (Quick Reaction Process) विकसित करने और आंतरिक संचार (internal communications) को मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में रक्षा, गृह, विदेश, सूचना एवं प्रसारण, ऊर्जा, स्वास्थ्य और दूरसंचार मंत्रालयों के प्रमुख सचिवों ने भाग लिया। सभी मंत्रालयों को अपने-अपने कार्यक्षेत्रों में उभरती परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और POK में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए जाने के बाद यह बैठक बुलाई है। मिसाइल हमलों में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के अड्डों को निशाना बनाया गया। यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों की हत्या के जवाब में की गई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने यह स्पष्ट किया कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा और परिचालन तत्परता के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है और प्रत्येक मंत्रालय को ‘Whole of Government Approach’ के तहत समन्वय बनाए रखते हुए काम करना होगा।
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