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Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। Political News: भाजपा सांसद Nishikant Dubey ने एक बार फिर कांग्रेस की बखिया उधेड़ी हैं। इस बार उन्होंने सिंधु जल समझौते को लेकर कांग्रेस को घेरा है। निशिकांत ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है-आपको पता है कि 1960 में भारत ने पाकिस्तान के साथ दो ऐसे समझौते किए, जिन्होंने देश के इतिहास में एक विवादास्पद अध्याय जोड़ा? पहला था सिंधु जल समझौता, जिसमें भारत ने अपना 80 प्रतिशत पानी का अधिकार पाकिस्तान को सौंप दिया। दूसरा समझौता 11 जनवरी, 1960 को हुआ, जिसमें सरदार स्वर्ण सिंह और पाकिस्तान के गृहमंत्री केएम शेख के बीच बातचीत हुई। इस समझौते में भारत ने अपने कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों को पाकिस्तान के हवाले कर दिया।
समझौते की चौंकाने वाली बातें, राजनीतिक रहस्य
Nishikant Dubeyने कहा है- सरदार स्वर्ण सिंह न तो गृह मंत्री थे और न ही विदेश मंत्री, फिर भी वे इस समझौते का हिस्सा बने। यह सवाल उठता है कि आखिर उन्हें यह जिम्मेदारी क्यों दी गई? इस समझौते में भारत ने अपना पवित्र धार्मिक केंद्र करतारपुर साहिब पाकिस्तान को दे दिया। लाहौर-अमृतसर क्षेत्र का सारजा माजरा, रख हरदित सिंह और पठानके जैसे इलाकों को भी भारत ने खो दिया। इतना ही नहीं, पंजाब के फिरोजपुर जिले के कुछ हिस्सों को दान में दे दिया गया। सुलेमन्क और चक लढके जैसे इलाकों को भी पाकिस्तान को सौंप दिया गया।
संसद में घोषणा और विवाद
Nishikant Dubeyने कहा- इस समझौते की घोषणा संसद में ऐसे की गई, जैसे यह नेहरू या गांधी परिवार की निजी संपत्ति हो। संविधान के तहत यह कदम गैरकानूनी माना जा सकता है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा है कि इसे पाकिस्तान परस्ती का शर्मनाक उदाहरण कहा जा सकता है, जो उस समय की घटिया राजनीतिक मानसिकता को उजागर करता है।
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