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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।वोटर लिस्ट को लेकर हल्ला पूरे देश में मच रहा है। चुनाव आयोग एसआईआर तो बिहार में कर रहा लेकिन गड़बड़ी दूसरे सूबों से भी मिल रही हैं। राहुल गांधी कर्नाटक की महादेव पुरा सीट को लेकर एटम बम फोड़ चुके हैं। अखिलेश यूपी की सीट में हुए फर्जीवाड़े को जोरशोर से उठा रहे हैं। इन सबके बीच में केरल के एक मामले ने सभी का ध्यान अपनी तरफ खींच लिया। केरल में 1 घर में 9 फर्जी वोट मिले हैं। खास बात है कि वोटर लिस्ट को लेकर जितने भी आरोप सामने आए हैं वो सारे बीजेपी की तरफ इशारा कर रहे हैं। केरल में भी निशाना बीजेपी ही है।
ये गड़बड़ी त्रिशूर से सामने आई है
केरल के त्रिशूर में एक महिला ने आरोप लगाया है कि उसकी जानकारी के बिना उसके पते का इस्तेमाल करके नौ फर्जी वोट जोड़ दिए गए। सीपीएम का दावा है कि पूनकुन्नम में खाली फ्लैटों का इस्तेमाल मतदाता सूची में हेराफेरी के लिए किया गया। विपक्षी नेताओं ने भाजपा से जुड़ी अनियमितताओं की जांच की मांग की है। गौर करने वाली बात है कि ये गड़बड़ी त्रिशूर से सामने आई है। केरल में बीजेपी ने यही 1 सीट जीती थी। विपक्षी दलों का कहना है कि बीजेपी ने ही ये गड़बड़ी कराई है।
नौ फर्जी वोट रजिस्टर किए गए
महिला की शिकायत के मुताबिक उसके पते का इस्तेमाल करके नौ फर्जी वोट रजिस्टर किए गए। पूनकुन्नम स्थित कैपिटल विलेज अपार्टमेंट्स के फ्लैट नंबर 4 सी में यह अनियमितता सामने आईं। फ्लैट की मालकिन प्रसन्ना ने बताया कि इस घर के पते पर केवल उसका ही वोट बना था। उनके परिवार में चार वयस्क और दो बच्चे हैं। उसके अलावा बाकी वयस्क उनके पैतृक गांव पूचिनीपदम में वोट देने के लिए रजिस्टर्ड हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें नौ अतिरिक्त नामों के बारे में तब पता चला जब किसी ने सत्यापन के लिए उनसे संपर्क किया। प्रसन्ना का कहना था कि हम उनमें से किसी को नहीं जानते। हम यहां चार साल से रह रहे हैं। हमारी सहमति के बिना हमारे पते में नाम जोड़ना गलत है। उन्होंने कलेक्टर को शिकायत सौंपी है।
कैपिटल विलेज में भी मतदाता सूची में अनियमितताएं
सीपीएम ने आरोप लगाया कि पूनकुन्नम के अन्य फ्लैटों, जैसे वाटर लिली और कैपिटल विलेज में भी मतदाता सूची में इसी तरह की अनियमितताएं मिली हैं। उन्होंने दावा किया कि खाली फ्लैटों का इस्तेमाल दूसरे जिलों से वोट ट्रांसफर करने के लिए फर्जी पते के रूप में किया गया। उन्होंने कहा- यह बात कि असली फ्लैट मालिक इन लोगों को जानता तक नहीं है, इस मुद्दे को गंभीर बनाता है।
त्रिशूर से चुनाव लड़ चुके वीएस सुनील कुमार ने पहले भी कहा था कि चुनाव आयोग ने मतदाता पंजीकरण में बड़े पैमाने पर हेराफेरी की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि सिर्फ एक ही बूथ पर एक साथ 280 आवेदन आए। आयोग ने बाहर के लोगों के नाम त्रिशूर में जोड़ दिए। आयोग ने पते के प्रमाण के रूप में पोस्टकार्ड का उपयोग करके मतदाता पंजीकरण की अनुमति देकर प्रक्रिया को आसान बना दिया है।
भाजपा के खाते में आई थी त्रिशूर सीट
त्रिशूर केरल की एकमात्र लोकसभा सीट थी जिसे 2024 में भाजपा ने जीता था। सुरेश गोपी ने एलडीएफ के सुनील कुमार और यूडीएफ के के. मुरलीधरन को हराया था। विपक्षी नेता वीडी सतीशन ने भी शिकायतों की गहन जांच की मांग की थी। उनका कहना था कि बीजेपी ने गलत तरीके से बाहरी लोगों को वोटर बनवा दिया। ये चुनावी हेराफेरी ही थी जिसकी वजह से 2024 में बीजेपी त्रिशूर की सीट जीतने में कामयाब रही।
खैर जिस तरह से वोटर लिस्ट का घोटाला सामने आ रहा है उसमें ये देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव आयोग क्या कदम उठाता है। अभी तक आयोग सारी शिकायतों को फर्जी करार दे रहा है। वो राहुल गांधी से हलफनामे की मांग कर रहा है। राहुल का आरोप कर्नाटक की महादेवपुरा सीट को लेकर था। लेकिन अब दूसरे राज्यों से भी जिस तरह से गड़बड़ी सामने आ रही हैं उसमें सभी की निगाहें आयोग पर टिकी हैं।Kerala Fake Votes | Election Fraud Kerala | Kerala Politics 2025