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इंतजार लालू और नीतीश का था, लेकिन 'खेला' कर गए Chirag Paswan, मकर संक्रांति पर ये क्या सियासी खिचड़ी पक गई!

मकर संक्रांति पर आयोजित दही-चूड़ा के भोज के लिए सीएम नीतीश कुमार का इंतजार लालू यादव के आवास पर हो रहा था, लेकिन खिचड़ी चिराग पासवान ने पका दी। चिराग ने एलजेपी (आर) के दफ्तर में आयोजित भोज के लिए नीतीश को बुलाया। नीतीश आए, लेकिन खुद चिराग ही गायब हो गए।

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Aditya Pujan
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पटना, वाईबीएन नेटवर्क

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मकर संक्रांति का अवसर हो तो बिहार की सियासत में कुछ सियासी खिचड़ी की संभावना बनी रहती है। इस बार भी इंतजार लालू यादव के घर पर होने वाले दही-चूड़ा के भोज का था। कयास इस बात को लेकर लग रहे थे कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, लालू के घर जाएंगे या नहीं। पिछले साल जब नीतीश दही-चूड़ा खाने लालू आवास गए थे, उसके कुछ दिनों बाद ही वे महागठबंधन को छोड़कर एनडीए में शामिल हो गए थे। इस साल नीतीश, लालू के घर नहीं गए, लेकिन लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने खेला कर दिया। चिराग के घर पर मंगलवार को जो हुआ, उसने बिहार में एनडीए की एकजुटता पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं।

गायब रहे चिराग

मकर संक्रांति के मौके पर चिराग पासवान ने एलजेपी (आर) के कार्यालय में दही-चूड़ा का भोज आयोजित किया। इसके लिए सीएम नीतीश को भी उन्होंने न्यौता दिया था। नीतीश तय समय पर एलजेपी (आर) के दफ्तर में पहुंच भी गए, लेकिन खुद चिराग पासवान ही गायब हो गए। चिराग की गैरमौजूदगी में पार्टी के अन्य नेताओं ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। नीतीश कुमार ने चिराग के पिता स्वर्गीय रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि अर्पित की और कुछ देर बाद वहां से चले गए। इस मौके पर दोनों उपमुख्यमंत्री भी अनुपस्थित रहे।

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एनडीए की एकता पर सवाल

चिराग पासवान द्वारा आयोजित दही-चूड़ा भोज NDA गठबंधन के लिए एकता प्रदर्शन का अवसर था। हालांकि, चिराग की अनुपस्थिति ने इस अवसर को एक राजनीतिक पहेली में बदल दिया। नीतीश कुमार का समय पर आना और चिराग का न आना, कई सवाल खड़े करता है। क्या यह NDA गठबंधन में किसी दरार का संकेत है? क्या चिराग पासवान किसी रणनीति के तहत इस भोज से दूर रहे? इन सवालों के जवाब आने वाले समय में ही मिल पाएंगे।

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इसलिए टिकी थीं निगाहें

बिहार की राजनीति में मकर संक्रांति का महत्व जगजाहिर है। इस दिन होने वाले आयोजन और नेताओं की उपस्थिति-अनुपस्थिति अक्सर राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित करती है। इसलिए, लालू आवास पर दही-चूड़ा भोज को लेकर नीतीश कुमार के रुख पर सबकी निगाहें टिकी थीं। लालू के बड़े बेटे और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने कहा था कि उनका परिवार नीतीश के स्वागत के लिए तैयार है। हालांकि, नीतीश ने लालू के घर पर आयोजित भोज से खुद को दूर रखा। अब चिराग पासवान का यह कदम आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में क्या रंग लाता है, यह देखना दिलचस्प होगा। 

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