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Delhi Election: कपिल मिश्रा पर दांव लगाना क्या भाजपा को पड़ेगा भारी? कौन मारेगा करावल नगर में बाजी

Karawal Nagar Vidhansabha Seat: भाजपा ने करावल नगर विधानसभा सीट से कपिल मिश्रा को चुनावी मैदान में उतारा है, जिसके बाद ये सीट सुर्खियों में आ गई है। आइए जानते हैं कि करावल नगर विधानसभा सीट के सियासी समीकरण क्या हैं और किसका पलड़ा यहां भारी है। 

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Pratiksha Parashar
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क। 

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Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर है। भारतीय जनता पार्टी ने दूसरी लिस्ट जारी कर दी है। भाजपा ने करावल नगर विधानसभा सीट से कपिल मिश्रा को चुनावी मैदान में उतारा है, जिसके बाद ये सीट सुर्खियों में आ गई है। आइए जानते हैं कि करावल नगर विधानसभा सीट के सियासी समीकरण क्या हैं और किसका पलड़ा यहां भारी है। 

त्रिकोणीय मुकाबले में कौन मारेगा बाजी? 

करावल नगर विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है। मोहन बिष्ट का टिकट काटकर भारतीय जनता पार्टी ने आम आदमी पार्टी से आने वाले कपिल मिश्रा को चुनावी मैदान में उतारा है। आम आदमी पार्टी ने इस सीट से मनोज त्यागी को टिकट दिया है और कांग्रेस ने डॉ. पीके मिश्रा को प्रत्याशी बनाया है।

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कपिल मिश्रा ने भाजपा प्रत्याशी को हराया

कपिल मिश्रा 2015 में करावल नगर विधानसभा सीट से ही विधायक बने थे। उस वक्त उन्होंने आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था और भाजपा प्रत्याशी मोहन बिष्ट को शिकस्त दी थी। बिष्ट लगातार 4 बार के विधायक थे। 2020 में बिष्ट ने फिर से करावल सीट पर जीत हासिल की और अपनी हार का बदला लिया। इस बार भाजपा ने 5 बार विधायक रहे बिष्ट का टिकट काटकर कपिल मिश्रा पर दांव लगाया है। 

कपिल मिश्रा ने क्यों छोड़ी AAP?

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भाजपा के दिग्गज नेता को हराने वाले कपिल मिश्रा को आम आदमी पार्टी की सरकार ने मंत्री बनाया था। बाद में मिश्रा ने अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। कपिल मिश्रा ने अरविंद केजरीवाल पर 2 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाया था। उन्होंने इसकी शिकायत एसीबी में भी की थी, जिसके बाद उन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया। इसके बाद उन्होंने आम आदमी पार्टी छोड़ दी और साल 2019 में कपिल मिश्रा ने भाजपा का दामन थाम लिया। 2020 में उत्तर पूर्वी जिले में सीएए को लेकर हुए दंगे के दौरान कपिल मिश्रा हिंदूवादी नेता के रूप में उभरे। आपको बता दें कि कपिल मिश्रा की मां अन्नपूर्णा देवी भाजपा की नेता रही हैं। वे पूर्वी दिल्ली नगर निगम की मेयर भी रह चुकी हैं। लेकिन कपिल मिश्रा हमेशा भाजपा और आरएसएस से दूर रहे। 

करावल नगर विधानसभा का इतिहास

1993 से लेकर 2013 तक करावल विधानसभा सीट पर लगातार भारतीय जनता पार्टी का कब्जा रहा है। वहीं 2015 में आम आदमी पार्टी के कपिल मिश्रा को जीत मिली थी। मोहन सिंह बिष्ट  अब तक कुल 5 बार इस से विधायक रह चुके हैं। भाजपा ने इस बार बिष्ट का टिकट काटकर कपिल मिश्रा पर दांव लगाया है। 

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करावल नगर विधानसभा के सियासी समीकरण

करावल नगर विधानसभा सीट पूर्वी दिल्ली में आती है। इस सीट पर पहाड़ी वोटर 35 प्रतिशत हैं। यही वजह है कि भाजपा के मोहन सिंह बिष्ट पहाड़ी होने की वजह से 25 सालों तक यहां से जीते।  इस बार बिष्ट का टिकट काट दिया गया है, जिसके बाद उनके बगावती तेवर देखने को मिले हैं। वहीं यहां कई पार्षदों में भी अंतर्कलह की बात सामने आयी है। ये फैक्टर भाजपा के लिए भारी साबित हो सकते हैं और आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को फायदा मिल सकता है।

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दिल्ली चुनाव 2025
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