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पटना/नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।चुनाव आयोग ने बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के उस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि SIR की पहली लिस्ट में उनका नाम नहीं है। चुनाव आयोग के अनुसार SIR की पहली लिस्ट में तेजस्वी यादव का यह दावा गलत है। जो पहली लिस्ट जारी की गई है उसमें उनका नाम दर्ज है. आयोग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक तेजस्वी यादव ने जो EPIC नंबर साझा किया है वो सही नहीं है। आयोग के आंकड़ों के अनुसार यह एपिक नंबर ही अमान्य है। मतदाता सूची में तेजस्वी यादव का नाम मतदान केंद्र संख्या 204, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का पुस्तकालय भवन, क्रम संख्या 416 पर अंकित है। उधर, भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा, "फर्जी खबर की खुली पोल।
मामले की जांच कर रहा आयोग
निर्वाचन आयोग के सूत्रों का कहना है कि हो सकता है कि तेजस्वी यादव के पास दो वोटर कार्ड हो हालांकि, अब इस पूरे मामले की जांच की जी रही है। अगर तेजस्वी यादव के बाद फर्जी कार्ड मिला तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। तेजस्वी यादव के दावे को लेकर पटना के डीएम ने भी एक बयान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि कुछ समाचार माध्यमों से यह ज्ञात हुआ है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव का नाम विशेष गहन पुनरीक्षण के प्रारूप मतदाता सूची में नहीं है। इस बारे में जिला प्रशासन, पटना द्वारा जांच की गई। इसमें यह स्पष्ट हुआ है कि माननीय नेता प्रतिपक्ष का नाम प्रारूप मतदाता सूची में दर्ज है। वर्तमान में उनका नाम मतदान केन्द्र संख्या 204, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का पुस्तकालय भवन, क्रम संख्या 416 पर अंकित है। पूर्व में उनका नाम बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का पुस्तकालय भवन, मतदान केन्द्र संख्या 171, क्रम संख्या 481 पर दर्ज था।
झूठे तेजस्वी का झूठ पकड़ा गया
— BJP Bihar (@BJP4Bihar) August 2, 2025
जो आदमी वोटर रोल में अपना नाम तक नहीं खोज पाया, वो जीवन में क्या ही कर लेगा। तेजस्वी का नाम, दीघा विधानसभा के बूथ संख्या-204 के सीरियल नम्बर-416 पर साफ़-साफ़ लिखा है।
लेकिन S.I.R में जनता के बीच पूरी तरह ख़ारिज होने के बाद तेजस्वी यादव सामने दिख… pic.twitter.com/95RAIjiC1L
तेजस्वी ने SIR पर उठाए सवाल, कहा 'पारदर्शिता नहीं बरती गई'
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शनिवार को एसआईआर में 65 लाख लोगों के नाम काटे जाने को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जो सूची सामने आई है उसमें कुछ भी नहीं बताया गया। इसे लेकर कोई पारदर्शिता नहीं बरती गई है। उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि चुनाव आयोग का यह अद्भुत कार्य है। उन्होंने कहा कि हर विधानसभा क्षेत्र से लगभग 20 से 30 हजार नाम हटाए गए हैं, कुल लगभग 65 लाख, यानी करीब 8.5 फीसदी मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं।
आयोग ने ईपीआईसी नंबर नहीं दिया है
विधानसभा वार जो नाम हटाए गए हैं, उनमें यह कहीं नहीं बताया गया है कि इनमें कितने लोगों का निधन हुआ, कितने स्थायी रूप से स्थानांतरित हुए, और कितने लोगों के नाम दो स्थान पर हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि राजनीतिक दलों को जो सूची उपलब्ध कराई गई है, उसमें उन्होंने बड़ी चालाकी से किसी भी मतदाता का पता, बूथ संख्या और ईपीआईसी नंबर नहीं दिया है, ताकि हम यह पता न लगा सकें कि किन लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि जिनका नाम काटा गया है, उन्हें नोटिस नहीं दी गई। चुनाव आयोग पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि उनको पहले ही निर्देशित कर दिया गया है कि किनका वोट काटना है और किन्हें जिताना है। चुनाव आयोग पूरी तरह एक राजनीतिक दल के कहने पर ऐसा कर रहा है।
दावा किया था उनका वोटर लिस्ट से नाम गायब है
राजद नेता तेजस्वी यादव ने यहां तक दावा कर दिया कि उनका वोटर लिस्ट से नाम गायब है, अब वे किस तरह से चुनाव लड़ पाएंगे? तेजस्वी यादव ने कहा कि मेरा नाम वोटर लिस्ट में नहीं है। उन्होंने सवाल पूछा है कि अब मैं चुनाव कैसे लडूंगा? तेजस्वी ने दावा किया है कि उन्होंने एसआईआर के दौरान गणना प्रपत्र भी भरा था; इसके बावजूद भी नाम काटा गया है। उन्होंने इसे गड़बड़ घोटाला बताया। उन्होंने चुनाव आयोग से मांग करते हुए कहा कि बूथवार सूची जारी की जानी चाहिए, जो कैटेगरी के साथ होनी चाहिए। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि आखिर नाम काटे जाने की कौन सी तकनीक अपनाई गई है। उन्होंने चुनाव आयोग को चेतावनी देते हुए कहा कि बिहार कमजोर नहीं है, सबका हिसाब होगा
मालवीय का तेजस्वी पर तंज, दावे को भाजपा ने बताया फर्जी
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने दावा किया कि वोटर लिस्ट में उनका नाम नहीं है। तेजस्वी के इस बयान पर भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने टिप्पणी की है। उन्होंने तेजस्वी के दावे को फर्जी और भ्रामक करार दिया। अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा, "फर्जी खबर की खुली पोल। तेजस्वी यादव का यह दावा कि विशेष संवीक्षा (विशेष गहन पुनरीक्षण) के बाद उनका नाम मतदाता सूची से गायब है- पूरी तरह गलत है। उनका नाम क्रमांक 416 पर दर्ज है। कृपया तथ्य जांचें, फिर जानकारी साझा करें। जानबूझकर मतदाताओं को गुमराह करने की कोशिशों को बेनकाब करना जरूरी है।"
मतदाता सूची का स्क्रीनशॉट भी साझा किया
अमित मालवीय ने इस पोस्ट के साथ मतदाता सूची का स्क्रीनशॉट भी साझा किया है, जिसमें तेजस्वी यादव का नाम क्रमांक 416 पर दर्ज है। मतदाता सूची में तेजस्वी यादव का नाम मतदान केंद्र संख्या 204, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का पुस्तकालय भवन, क्रम संख्या 416 पर अंकित है। इससे पहले, उनका नाम बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का पुस्तकालय भवन, मतदान केन्द्र संख्या 171, क्रम संख्या 481 पर दर्ज था।
1 अगस्त को नया ड्राफ्ट जारी किया गया
बता दें कि बिहार में मतदाता सूची को लेकर एसआईआर की प्रक्रिया के बाद 1 अगस्त को नया ड्राफ्ट जारी किया गया। इस पर विपक्ष ने आरोप लगाए कि कई लोगों के नाम जानबूझकर हटाए गए हैं। तेजस्वी यादव ने खुद का नाम गायब होने की बात कहकर इस मसले को और गंभीर बना दिया। उन्होंने एसआईआर में 65 लाख लोगों के नाम काटे जाने को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जो सूची सामने आई है उसमें कुछ भी नहीं बताया गया। इसे लेकर कोई पारदर्शिता नहीं बरती गई है। उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि चुनाव आयोग का यह अद्भुत कार्य है। हर विधानसभा क्षेत्र से लगभग 20 से 30 हजार नाम हटाए गए हैं, कुल लगभग 65 लाख, यानी करीब 8.5 फीसदी मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं। Bihar | Assembly Elections Bihar | Assembly election Bihar | Assembly chaos Bihar | Bihar SIR News | Tejashwi Yadav