नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
FIR On Rahul Gandhi: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी मुश्किल में फंस गए हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ गुवाहाटी के पान बाजार पुलिस स्टेशन में शनिवार को FIR दर्ज की गई है। आरोप है कि उन्होंने भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले बयान दिए। गुवाहाटी हाईकोर्ट के वकील मनोज चेतिया ने राहुल के ऊपर मामला दर्ज करवाया है।
दिल्ली में बयान, असम में एफआईआर
15 जनवरी को राहुल गांधी ने दिल्ली में कांग्रेस पार्टी के मुख्यालय के उद्घाटन के दौरान एक बयान दिया था। अपने बयान में राहुल ने कहा था कि भाजपा, RSS ने हर संस्था पर कब्जा कर लिया है। अब हम BJP-RSS और इंडियन स्टेट से लड़ रहे हैं। उन्होंने मोहन भागवत पर भी निशाना साधा था। वकील मनोज चेतिया ने राहुल गांधी के इस बयान को झूठ फैलाने और विद्रोह भड़काने वाला बताया है। चेतिया की शिकायत पर गुवाहाटी के पान बाज़ार पुलिस स्टेशन में बीएनएस की धारा 152 और 197(1)डी के तहत राहुल गांधी के ऊपर एफआईआर दर्ज की गई है, जो गैरजमानती धारा है।
मोहन भागवत पर दिया था राहुल ने बयान
राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर जुबानी हमला बोला था। दरअसल, भागवत ने अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा तिथि के मौके पर कहा था कि इस दिन देश को सच्ची स्वतंत्रता मिली, क्योंकि यह सदियों से दुश्मनों के आक्रमण झेलने वाले भारत के 'स्व' की पुनर्स्थापना का प्रतीक है। इस पर पलटवार करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि मोहन भागवत के लिए अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई और संविधान दोनों अमान्य हैं। ऐसा कहना असल में देशद्रोह है। किसी अन्य देश में ऐसा कहने के लिए उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता। उन्होंने हर एक भारतीय का अपमान किया है। अब समय आ गया है कि ऐसी बकवास सुनना बंद करें।
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असंतोष भड़काने की कोशिश का आरोप
राहुल के बयान को लेकर शिकायत कर्ता मनोज चेतिया का कहना है कि विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल गांधी पर लोकतांत्रिक संस्थाओं में जनता का विश्वास बनाए रखने की जिम्मेदारी है, लेकिन इसके बजाय उन्होंने झूठ फैलाने और विद्रोह भड़काने के लिए अपने मंच का फायदा उठाना चुना, जिससे भारत की एकता और संप्रभुता खतरे में पड़ गई। चेतिया ने राहुल के बयान को चुनाव में मिल रही हार की हताशा से प्रेरित बताया और कहा कि लोकतांत्रिक तरीकों से जनता का विश्वास हासिल करने में असमर्थ होने के बाद राहुल गांधी केंद्र सरकार और भारतीय राज्य के खिलाफ असंतोष भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।
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