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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। चुनाव आयोग द्वारा उपराष्ट्रपति पद के चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही विपक्षी INDIA गठबंधन की राजनीतिक सक्रियता तेज हो गई है। गठबंधन के सामने सबसे बड़ी चुनौती है, एक ऐसा साझा उम्मीदवार खड़ा करना जो वैचारिक तौर पर सशक्त हो और सत्तारूढ़ भाजपा के प्रत्याशी को राजनीतिक चुनौती दे सके। विपक्ष को यह अच्छी तरह पता है कि संसद के दोनों सदनों में उनकी संख्या बेहद सीमित है, जिससे जीत की संभावना कमजोर है। बावजूद इसके, INDIA गठबंधन इस चुनाव को एक राजनीतिक संदेश के रूप में देखने की रणनीति पर काम कर रहा है।
क्यों अहम है यह चुनाव विपक्ष के लिए?
उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सांसदों द्वारा किया जाता है, जहां भाजपा और एनडीए का संख्या बल कहीं अधिक है। लेकिन विपक्ष इस चुनाव को पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यकों, किसानों, बुद्धिजीवियों और नागरिक समाज तक अपनी वैचारिक एकजुटता का संदेश देने का माध्यम बनाना चाहता है। इसीलिए गठबंधन एक ऐसे वैचारिक और प्रतिष्ठित चेहरे की तलाश में है, जिसे साझा उम्मीदवार बनाया जा सके और जो व्यापक जनसमुदाय के बीच विपक्ष की भूमिका को मजबूती से रख सके।
7 अगस्त को राहुल गांधी ने बुलाई बैठक
इस बीच, विपक्षी रणनीति को लेकर 7 अगस्त को कांग्रेस सांसद और नेता विपक्ष राहुल गांधी के आवास पर INDIA गठबंधन की अहम बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में न सिर्फ बिहार विधानसभा चुनाव और मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण पर चर्चा होगी, बल्कि उपराष्ट्रपति पद के संभावित उम्मीदवार पर भी मंथन होगा।
राहुल गांधी देंगे खास प्रजेंटेशन
TOI की एक रिपोर्ट के अनुसार, राहुल गांधी इस बैठक में मतदाता सूचियों पर कांग्रेस की रिसर्च का प्रेजेंटेशन भी देंगे। हाल ही में राहुल ने इसे ‘एटम बम’ करार देते हुए दावा किया था कि इस रिपोर्ट से भाजपा द्वारा मतदाता सूची में गड़बड़ी के सबूत सामने आते हैं।
धनखड़ के इस्तीफे के बाद समय से पहले चुनाव
बता दें कि वर्तमान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले वह न्यायपालिका से टकराव और महाभियोग नोटिसों को लेकर सुर्खियों में थे। उनके इस्तीफे के बाद समय से पहले उपराष्ट्रपति चुनाव की स्थिति बन गई है।