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Jagdeep Dhankhar: संसद की सर्वोच्चता के प्रखर समर्थक का कार्यकाल हुआ समाप्त

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया। राज्यसभा में सुधारों और विवादों से घिरे उनके कार्यकाल को जानें विस्तार से।

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Dhiraj Dhillon
Vice President Jagdeep Dhankhad
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। किसान परिवार से उप- राष्ट्रपति के पद तक पहुंचे जगदीप धनखड़ संसद की सर्वोच्चता के प्रखर समर्थक रहे हैं। सोमवार को  उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया। यह मॉनसून सत्र का पहला दिन था। 2022 में उपराष्ट्रपति बने धनखड़ ने लगभग तीन वर्षों तक राज्यसभा की अध्यक्षता की और कई अहम सुधार लागू किए।

महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा दिया

धनखड़ ने राज्यसभा के टेबल ऑफिस में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा दिया, जहां करीब 50% पद महिलाओं को दिए गए। महिला आरक्षण विधेयक की बहस के दौरान रिकॉर्ड 17 महिला प्रेसीडिंग ऑफिसर्स ने सदन की कार्यवाही चलाई।

संसद में विपक्ष से लगातार टकराव

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धनखड़ ने कई मौकों पर संसद की कार्यवाही में बाधा डालने पर नाराजगी जताई। उन्होंने नियम 267 के दुरुपयोग को लेकर कहा था-क्वेश्चन ऑवर नहीं होने से जनता को बड़ा नुकसान हुआ है। हम गलत मिसाल बना रहे हैं और जनता का अपमान कर रहे हैं।हालांकि, विपक्ष ने उन पर पक्षपात का आरोप भी लगाया। उनके कार्यकाल के दौरान बड़ी संख्या में विपक्षी सांसद निलंबित हुए और एक बार निलंबित सांसदों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास रात गुजारी।

महत्वपूर्ण सुधार और विवाद

राज्यसभा टीवी में सुधार: धनखड़ ने टीवी कंटेंट को सुधारने के लिए कई पुराने अधिकारियों का पुनर्गठन किया।
महिला नेतृत्व: सदन में महिला अधिकारियों की संख्या बढ़ाई।
महाभियोग नोटिस: विपक्ष ने उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव दिया, जिसे तकनीकी कारणों से खारिज कर दिया गया।
सोनिया गांधी पर टिप्पणी: न्यायपालिका पर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की टिप्पणी को लेकर उन्होंने खुलकर आपत्ति जताई।
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धनखड़ का राजनीतिक सफर

किसान परिवार में जन्मे धनखड़ राजस्थान विधानसभा से लेकर लोकसभा सांसद बने, फिर 2019-2022 के दौरान पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे। अगस्त 2022 में वे उपराष्ट्रपति चुने गए और विपक्षी उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को 346 वोटों से हराया।धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे इस्तीफा पत्र में कहा- स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं।
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