Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। सियासी दलों ने भी चुनावी प्रचार करना शुरू कर दिया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच कालकाजी सीट सबसे ज्यादा सुर्खियों में है। दरअसल, कालकाजी से आम आदमी पार्टी ने सीएम आतिशी को उम्मीदवार बनाया है। आतिशी को टक्कर देने के लिए कांग्रेस ने अलका लांबा को टिकट दिया है, वहीं भाजपा ने रमेश बिधूड़ी को चुनावी मैदान में उतारा है। तीनों पार्टियों के उम्मीदवार घोषित होने के बाद सबकी निगाहें कालकाजी विधानसभा पर टिक गई हैं और ये दिल्ली की सबसे हॉट सीट बन गई है।
कालकाजी विधानसभा का चुनावी समीकरण
कालकाजी विधानसभा दक्षिण दिल्ली जिले के अंदर आती है। इस सीट पर मुस्लिम, दलित, पिछड़े वर्ग और उच्च जातियों का प्रभाव है। बीजेपी की नजर कालकाजी के हिंदू वोट बैंक पर है। वहीं आम आदमी पार्टी शिक्षा, स्वास्थ्य, और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों के जरिए वोटरों को साधने की जुगत में है।
आम आदमी पार्टी ने आतिशी को क्यों बनाया उम्मीदवार
आम आदमी पार्टी ने मौजूदा सीएम आतिशी को कालकाजी विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। आतिशी, सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने वाली तीसरी महिला हैं। वे आम आदमी पार्टी की संस्थापक सदस्य रही हैं, लेकिन 2019 में चुनावी राजनीति में कदम रखा। उन्होंने 2019 में पूर्वी दिल्ली से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। 2020 में वे कालकाजी सीट से ही विधायक चुनी गईं थी। आतिशी दिल्ली सरकार के मंत्रालय संभाल चुकी हैं। अरविंद केजरीवाल के जेल जाने के बाद उन्होंने बेहतरीन तरीके से आप की कमान संभाली थी, जिसके बाद उन्हें सीएम बनाया गया था। हालांकि अरविंद केजरीवाल पहले ही साफ कर चुके हैं कि दिल्ली में आप का सीएम फेस वे ही हैं, लेकिन आतिशी दमदार नेता के रूप में उभरी हैं। वे केंद्र की भाजपा सरकार को लगातार घेरती रही हैं, यही वजह है कि बीजेपी हर हाल में कालकाजी सीट पर जीत हासिल करना चाहती है।
कांग्रेस ने अलका लांबा पर लगाया दांव?
कालकाजी सीट पर कांग्रेस ने अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा को प्रत्याशी बनाया है। अलका लांबा ने 2013 में कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया था। साल 2015 में वे आप के टिकट पर चांदनी चौक से विधायक चुनी गईं थीं, लेकिन साल 2019 में अलका ने फिर से घर वापसी करते हुए कांग्रेस जॉइन कर ली थी। अब कांग्रेस ने एक बार फिर लांबा के ऊपर भरोसा जताया है। उनकी गिनती दमदार महिला नेताओं में की जाती है, यही वजह है कि कांग्रेस ने कालकाजी जैसी हाई प्रोफाइल सीट से अलका को चुनावी मैदान में उतारा है।
क्या रमेश बिधूड़ी देंगे आतिशी को मात?
कालकाजी सीट से बीजेपी ने रमेश बिधूड़ी को मैदान में उतारा है। बिधूड़ी ने चुनावी प्रचार शुरू कर दिया है। वे लगातार आतिशी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के ऊपर हमला कर रहे हैं। वे अपने बयानों की वजह से लगातार सुर्खियों में हैं। बिधूड़ी का परिवार शुरू से ही आरएसएस से जुड़ा रहा है। वे साल 1983 में छात्र जीवन के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े थे। वहीं 1993 में उन्होंने सक्रिय राजनीति में एंट्री की। वे बीजेपी के दिल्ली प्रदेश के महासचिव भी रह चुके हैं। 1993, 1998 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। साल 2003 के चुनाव में रमेश बिधूड़ी को पहली बार जीत हासिल हुई और वे तुगलकाबाद सीट से विधायक बने। 2013 में उन्होंने लगातार तीसरी बार जीत हासिल की और हैट्रिक लगाई। बिधूड़ी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में दक्षिण दिल्ली सीट से आप के राघव चड्ढा को शिकस्त दी थी। रमेश बिधूड़ी का नाम दिल्ली के दमदार नेताओं की लिस्ट में शामिल है, यही वजह है कि बीजेपी ने बिधूड़ी को इस सीट से चुनावी मैदान में उतारा है।