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हमने भी चुराए थे वोट, कर्नाटक के मंत्री ने किया खुलासा हाईकमान ने जबरन लिया इस्तीफा

कर्नाटक के मंत्री केएन राजन्ना ने स्वीकार किया कि कांग्रेस के शासनकाल में मतदाता सूची में संशोधन हमारी आंखों के सामने हुआ था, लेकिन इसकी ठीक से निगरानी नहीं की गई थी। उन्होंने ऐसे उदाहरण दिए जहां एक ही व्यक्ति का नाम तीन अलग-अलग जगहों पर दिखाई दिया।

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Shailendra Gautam
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बेंगलुरु, वाईबीएन डेस्क। एसआईआर को लेकर कांग्रेस सड़कों पर संग्राम कर रही है। उसका कहना है कि बीजेपी चुनाव चोरी कर रही है। वो वोटों की चोरी कर रही है। राहुल गांधी तो यहां तक बोल गए कि नरेंद्र मोदी चोरी करके ही प्रधानमंत्री बने हैं। कुल मिलाकर बीजेपी पर हर तरफ से हमला बोला जा रहा है। लेकिन इसी बीच एक वाकया ऐसा सामने आया जिसने कांग्रेस को ही शर्मसार कर दिया। कर्नाटक के एक मंत्री ने कह दिया कि एसआईआर में गड़बड़ी तो उनकी सरकार के दौरान भी हुई थी। 

मतदाता सूची में संशोधन हमारी आंखों के सामने हुआ था

कर्नाटक के मंत्री केएन राजन्ना ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि कांग्रेस के शासनकाल में मतदाता सूची में संशोधन हमारी आंखों के सामने हुआ था, लेकिन इसकी ठीक से निगरानी नहीं की गई थी। उन्होंने ऐसे उदाहरण दिए जहां एक ही व्यक्ति का नाम तीन अलग-अलग जगहों पर दिखाई दिया, जिससे कई वोट पड़ गए। उन्होंने बहुत कम आबादी वाले इलाकों में संदिग्ध एंट्रियों की ओर भी इशारा किया। उन्होंने पार्टी की चुप्पी की आलोचना करते हुए कहा- यह हमारे लिए शर्म की बात है कि हमने इसकी निगरानी नहीं की। गड़बड़ी होते रहने दी गई। 

हाईकमान का रास नहीं आई ये बात

ये बात उन्होंने किस वजह से कही इसके बारे में केवल अंदाजा ही लगाया जा सकता है पर ये बात राहुल गांधी को रास नहीं आई। एक तरफ वो बीजेपी को चुनावी गड़बड़ी के मुद्दे पर घेर रहे हैं तो उनका अपना ही मंत्री कांग्रेस पर ही कीचड़ उछालने में लगा है। राजन्ना की टिप्पणी ने राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे सहित तमाम बड़े नेताओं को नाराज कर दिया है। उनको लगा कि एक ओर हम 2024 के लोकसभा चुनाव परिणामों पर सवाल उठा रहे हैं तो हमारा मंत्री ही हमारी लड़ाई को कमजोर बनाने में लगा है। उनको तुरंत बाहर का रास्ता दिखाने का फरमान दिल्ली से जारी किया गया। 

इस्तीफे पर बोले, मैं मुख्यमंत्री से चर्चा करूंगा

राजन्ना ने शुरुआत में इस्तीफा देने से इनकार करते हुए कहा- मैं मुख्यमंत्री से चर्चा करूंगा। तब तक मैं कुछ नहीं कहूँगा। सिर्फ आपके कहने पर मुझे इस्तीफा क्यों देना चाहिए? मैं मुख्यमंत्री से मिलने के बाद ही बात करूंगा। लेकिन आलाकमान के तेवर बेहद तल्ख थे। कांग्रेस आलाकमान ने उनकी विवादास्पद टिप्पणी के बाद उन्हें बर्खास्त करने का कदम उठाया। बर्खास्त करने के निर्देश के बाद राजन्ना ने अपना इस्तीफा दे दिया। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इसे स्वीकार कर लिया और राज्यपाल को भेज दिया।

भाजपा का थमाया मुद्दा 

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राहुल गांधी समेत तमाम विपक्ष के तीखे तेवरों से बीजेपी बैकफुट पर आती दिख रही थी लेकिन कर्नाटक के मंत्री ने उनको बैठे बिठाए मनमाफिक मुद्दा थमा दिया। कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा- राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी में सच्चाई और उनके सामने मौजूद कठोर वास्तविकताओं का सामना करने का साहस नहीं है। राहुल गांधी जहां गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं, वो सारी चीजें सिद्धरमैया की सरकार के दौरान ही सामने आई हैं।  

विजयेंद्र ने कहा- राजन्ना ने सच कहा है। यह स्पष्ट है कि सिद्धारमैया ही राजन्ना के इस्तीफे की साजिश रच रहे हैं। जब चुनाव आयोग ने जायज चिंताएं जताईं तो राहुल गांधी ने राजनीतिक नाटकबाजी करके 'हिट एंड रन' का रास्ता अपनाया। जानबूझकर झूठा प्रचार भी किया जा रहा है। राहुल गांधी और कर्नाटक की कांग्रेस सरकार लोकतांत्रिक अखंडता को रसातल में ले जाने की जिम्मेदार है। 

उधर इस तरह का बखेड़ा खड़ा होने के बाद कांग्रेस डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। कानून मंत्री एचके पाटिल ने सदन से मीडिया रिपोर्टों पर चर्चा न करने का आग्रह करते हुए कहा- मुख्यमंत्री सदन को सूचित करेंगे।  भाजपा सदस्यों ने पलटवार करते हुए राजन्ना से अपनी स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया। कहा- वह सदन में हैं, उन्हें बयान देना चाहिए।कुल मिलाकर कांग्रेस के लिए अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई है। जिस बात को लेकर वो बीजेपी पर हमलावर थी वैसे काम तो वो खुद भी कर रही थी। ये मामला क्या रुख दिखाता है ये देखना बेहद दिलचस्प होगा।   Karnataka politics | minister resignation | minister resignation demand | Karnataka minister news 

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