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राहुल की डिनर डिप्लोमेसी : क्या NDA के सामने चुनौती पेश कर पाएगा इंडिया ब्लॉक, कई मुद्दों पर मंथन

यह बैठक डिनर डिप्लोमेसी के रूप में आयोजित की जा रही है, जिसमें इंडिया गठबंधन के प्रमुख दलों के नेता शामिल होंगे। यह पहला मौका है जब स्वयं राहुल ने टेलीफोन करके ममता, एमके स्टालिन, उद्धव ठाकरे, अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव व अन्य नेताओं को आमंत्रित किया।

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Mukesh Pandit
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Rahul dinner diplomacy
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पहली बार नई दिल्ली स्थित अपने नए आवास पर इंडिया ब्लॉक के सहयोगी दलों के शीर्ष नेताओं को गुरुवार को डिनर पर आमंत्रित किया है। यह बैठक डिनर डिप्लोमेसी के रूप में आयोजित की जा रही है, जिसमें इंडिया गठबंधन (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) के प्रमुख दलों के नेता शामिल होंगे।

यह पहला मौका है जब स्वयं राहुल ने टेलीफोन करके ममता बनर्जी, एमके स्टालिन, उद्धव ठाकरे, अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव व अन्य नेताओं को आमंत्रित किया। जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने भी बैठक में शामिल होने की पुष्टि की है.इस बैठक पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं। बैठक ऐसे समय हो रही है, जब बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR),लोकसभा चुनावों में कथित धांधली, भारत-अमेरिका व्यापार समझौता, और उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर सियासी हल्कों में गहमा-गहमी है।

एनडीए को चुनौती देने की तैयारी

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी डिनर डिप्लोमेसी के जरिए साबित करने की कोशिश में है कि गठबंधन देश के महत्वपूर्ण मसलों को लेकर न सिर्फ एकजुट है, बल्कि  केंद्र की एनएनडी सरकार के लिए चुनौती पेश करने जा रहा है,और राजनीतिक लड़ाई साथ मिलकर लड़ने को संकल्पबद्ध है। राहुल गांधी का उद्देश्य गठबंधन के दलों को एक मंच पर लाना और मतभेदों को कम करना भी है।

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का इस बैठक में शामिल होना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पहली बार है जब टीएमसी ने लोकसभा चुनाव के बाद गठबंधन की बैठक में भागीदारी की पुष्टि की है। यह कदम ममता बनर्जी के रुख में नरमी का संकेत देता है, खासकर बिहार के एसआईआर मुद्दे पर, जहां टीएमसी और डीएमके जैसे दल कांग्रेस के साथ हैं।

विपक्षी दलों की एकजुटता मजबूत करना मकसद

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इंडिया गठबंधन की इस बैठक को विपक्षी दलों की एकजुटता को मजबूत करने के एक महत्वपूर्ण प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। बता दें कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों में गठबंधन को 234 सीटें मिली थीं, जिसमें कांग्रेस (99 सीटें), समाजवादी पार्टी (37 सीटें), और तृणमूल कांग्रेस (29 सीटें) शामिल थीं। हालांकि, यह गठबंधन बहुमत (272 सीटें) से पीछे रह गया।

इसके बाद, हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों में गठबंधन का प्रदर्शन कमजोर रहा। इस वजह से एनडीए के नेताओं को गठबंधन के नेताओं पर हमला करने का मौका भी मिला। हालांकि अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी इंडिया गठबंधन से अपना रिश्ता तोड़ चुकी है । आइए जानते हैं क्या बैठक का एजेंडा 

एसआईआर और चुनावी धांधली के आरोप

चर्चा है कि बैठक का एक प्रमुख एजेंडा बिहार में चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया और 2024 के लोकसभा चुनावों में कथित धांधली के आरोप हैं। राहुल गांधी ने 2 अगस्त  को दावा किया था कि 2024 के लोकसभा चुनाव में 70-80 सीटों पर धांधली हुई, और उनके पास इसके पुख्ता सुबूत हैं। यह आरोप बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण और महाराष्ट्र में फर्जी वोटर जोड़ने के दावों से जुड़ा है।

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बिहार में एसआईआर को लेकर विपक्ष का आरोप है कि यह प्रक्रिया सत्तारूढ़ एनडीए को लाभ पहुंचाने के लिए की जा रही है। तेजस्वी यादव और अन्य नेताओं ने इसे "लोकतंत्र पर हमला" करार दिया है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में विपक्ष इस मुद्दे पर एकजुट रणनीति बनाएगा, जिसमें संसद से लेकर चुनाव आयोग तक मार्च करने की योजना भी शामिल है।

अमेरिका व्यापार समझौता और ट्रंप की टैरिफ धमकी

राहुल गांधी ने बुधवार सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 50% टैरिफ की धमकी "आर्थिक ब्लैकमेल" है और यह भारत को एक अनुचित व्यापार समझौते के लिए मजबूर करने की कोशिश है। बैठक में भारत-अमेरिका व्यापार समझौता एक प्रमुख मुद्दा होगा। विपक्ष इस समझौते को लेकर सरकार पर दबाव बनाना चाहता है, ताकि भारत के आर्थिक हितों, खासकर कृषि और डेयरी क्षेत्रों, की रक्षा हो। यह मुद्दा न केवल आर्थिक बल्कि भू-राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत के रूस के साथ संबंधों पर अमेरिका की आपत्तियां और संभावित 50% टैरिफ की धमकी ने तनाव बढ़ाया है।

उपराष्ट्रपति चुनाव और गठबंधन की रणनीति

बैठक का एक अन्य महत्वपूर्ण मुद्दा उपराष्ट्रपति चुनाव से जुड़ा है। जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई को अचानक इस्तीफे के बाद, उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इंडिया गठबंधन इस चुनाव में एक मजबूत उम्मीदवार उतारकर एनडीए को चुनौती देना चाहता है।

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विपक्ष का मानना है कि एकजुटता के साथ वे इस चुनाव को रोचक बना सकते हैं, जैसा कि 2022 में नहीं हो सका था। इसके अलावा, विपक्ष संसद में सरकार को घेरने के लिए अन्य मुद्दों, जैसे ऑपरेशन सिंदूर, पहलगाम आतंकी हमला, और विदेश नीति (अमेरिका, चीन, और पाकिस्तान के साथ संबंध) पर भी रणनीति बनाएगा। यह बैठक विपक्ष को एक सशक्त मंच प्रदान करेगी, जहां वे इन मुद्दों पर एकजुट होकर सरकार पर दबाव बना सकें। politics | 2025 Indian politics | Rahul Gandhi 2025 | rahul gandhi | Rahul Gandhi Dinner Diplomacy | INDIA Bloc Strategy 

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