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प्रोफेसर Ali Khan Mahmoodabad को सुप्रीम कोर्ट से राहत, जमानत मंजूर, जांच पर रोक नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर सुनवाई करते हुए उन्हें अंतरिम जमानत दे दी है।

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Jyoti Yadav
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Ali Khan Mahmoodabad in judicial custody, action on controversial statement
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क | सुप्रीम कोर्ट ने अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर सुनवाई करते हुए उन्हें अंतरिम जमानत दे दी है। हालांकि, कोर्ट ने इस मामले की जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की बेंच ने की। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार को इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) गठित करने का निर्देश दिया है।

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अगली सुनवाई 27 मई, 2025 को तय

सुप्रीम कोर्ट ने ऑपरेशन सिंदूर पर फेसबुक पर विवादित पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को अंतरिम जमानत दे दी लेकिन कोर्ट ने हरियाणा पुलिस द्वारा दर्ज की गई दो एफआईआर की जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि पोस्ट राष्ट्र विरोधी है। मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल को आदेश दिया गया और महमूदाबाद को भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर आगे पोस्ट करने से रोक दिया गया। उनकी अगली सुनवाई 27 मई, 2025 को तय की गई है।

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कोर्ट ने जताई टिप्पणी की टाइमिंग पर चिंता

जस्टिस सूर्यकांत ने टिप्पणी करते हुए कहा, “हर किसी को अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है, लेकिन सवाल यह है कि देश जब संवेदनशील दौर से गुजर रहा है और नागरिकों पर हमले हो रहे हैं, तब इस तरह की सांप्रदायिक टिप्पणियों की क्या आवश्यकता थी?” उन्होंने यह भी पूछा कि क्या यह बयान लोकप्रियता पाने के लिए दिया गया था, और क्या यह टिप्पणी करने का सही समय था। सुप्रीम कोर्टने अपने आदेश में यह स्पष्ट किया कि संविधान ने सभी नागरिकों को अभिव्यक्ति की आज़ादी दी है, लेकिन उसका प्रयोग जिम्मेदारी के साथ होना चाहिए, खासकर जब देश संवेदनशील स्थिति का सामना कर रहा हो।

पूरा मामला समझें

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सुप्रीम कोर्ट ने अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान की याचिका पर 21 मई को सुनवाई की। दरअसल महिला और सेना की अधिकारियों को लेकर प्रोफेसर ने टिप्पणी की थी, जिसके बाद उनपर दो एफआईआर दर्ज हुए थे और उनकी गिरफ्तारी भी हुई। अली खान ने अपनी गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इसी मामले में सुनवाई करते हुए सु्प्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दी है। 

प्रोफेसर से किए गए ये सवाल 

इस मामले की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और एन. कोटिश्वर सिंह की बेंच ने की। सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि सभी को अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है, लेकिन उन्होंने ऐसे संवेदनशील समय में सांप्रदायिक बयान देने की आवश्यकता पर सवाल उठाया, जब देश मुश्किलों का सामना कर रहा है और अपने नागरिकों पर हमले हो रहे हैं। उन्होंने पूछा कि क्या इस तरह की टिप्पणियां लोकप्रियता हासिल करने के लिए की गई थीं और क्या इस तरह के बयान देने का यह सही समय था।

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