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Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क | कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को लेकर मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। बुधवार,23 जुलाई को एक ट्वीट में रमेश ने प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदीकी ब्रिटेन और मालदीव यात्रा पर तंज कसते हुए कहा कि यह समझौता भारत की घरेलू अर्थव्यवस्था, खासकर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) पर "गंभीर और हानिकारक असर" डालेगा। उन्होंने कहा कि यह FTA भारत की अब तक की नीति से "ऐतिहासिक विचलन" है, और इससे उन क्षेत्रों को नुकसान पहुंचेगा जो अभी तक सरकारी संरक्षण में थे।
जयराम रमेश और GTRI की आलोचना
जयराम रमेश ने दिल्ली स्थित थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की रिपोर्ट के हवाले से चार बड़ी आपत्तियां गिनाई
सरकारी खरीद का बाज़ार खोला गया
यह समझौता पहली बार ब्रिटिश कंपनियों को भारत की गैर-संवेदनशील सरकारी संस्थाओं की खरीद प्रक्रिया में भागीदारी की अनुमति देता है। यह बाजार अनुमानतः $600 बिलियन का है, जो अब विदेशी कंपनियों के लिए खुल जाएगा। अब तक भारत ने इस क्षेत्र को अपने व्यापार समझौतों से बाहर रखा था।
कार आयात शुल्क में भारी कटौती
भारत ने पहली बार विदेशी कारों पर आयात शुल्क 100% से घटाकर 10% करने पर सहमति जताई है। रमेश का कहना है कि यह "मेक इन इंडिया" अभियान को कमजोर करता है और घरेलू ऑटो उद्योग को नुकसान पहुंचाता है, खासकर ऐसे समय में जब भारत इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण में अवसर देख रहा है।
दवाओं की पेटेंट नीति में बदलाव
भारत ने पहली बार विश्व व्यापार संगठन (WTO) की TRIPS व्यवस्था से भी आगे जाकर पेटेंट नियमों को स्वीकार किया है। इससे देश में सस्ती दवाओं की उपलब्धता प्रभावित होगी और जेनरिक दवा उद्योग पर असर पड़ेगा।
कार्बन टैक्स पर असफलता
भारत इस समझौते में ब्रिटेन से कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज्म (CBAM) से छूट हासिल नहीं कर पाया। इससे ब्रिटेन अब भारतीय उत्पादों पर कार्बन टैक्स लगा सकेगा, जबकि भारत ब्रिटिश उत्पादों को शुल्क-मुक्त बाजार देगा। यह प्रवृत्ति अब यूरोपीय संघ (EU) के साथ भी दोहराए जाने की संभावना है।
‘प्रचार और वास्तविकता में अंतर’
रमेश ने प्रधानमंत्री को "Super Premium Frequent Flier" बताते हुए कटाक्ष किया कि इस यात्रा का प्रचार चाहे जितना हो, यह समझौता घरेलू उद्योग के लिए घातक साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि MSME, ऑटोमोबाइल, और फार्मा जैसे क्षेत्र पहले ही दबाव में हैं और यह समझौता उनकी स्थिति को और भी कठिन बना देगा।
Jairam Ramesh | pm modi