नई दिल्ली, आईएनएस: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि उनकी पार्टी ने अतीत में कई गलतियां की हैं, जिनमें 1984 के सिख विरोधी दंगे भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भले ही वह उस वक्त पार्टी में नहीं थे, लेकिन कांग्रेस ने अपने इतिहास में जो भी गलत किया, उसकी जिम्मेदारी वह सहर्ष स्वीकार करते हैं। राहुल गांधी अमेरिका के ब्राउन विश्वविद्यालय में 'वॉटसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल एंड पब्लिक अफेयर्स' में 21 अप्रैल को आयोजित एक संवाद सत्र में बोल रहे थे। यह वीडियो शनिवार को संस्थान के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया।
सिख छात्र ने उठाया 1984 दंगों का मुद्दा
संवाद के दौरान एक सिख छात्र ने राहुल गांधी से सवाल पूछा कि वह सिख समुदाय के साथ तालमेल के लिए क्या प्रयास कर रहे हैं। छात्र ने 1984 के दंगों का जिक्र करते हुए राहुल गांधी की अमेरिका की पिछली यात्रा में दिए गए उस बयान की भी चर्चा की, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह इस लड़ाई में हैं ताकि भारत में सिखों को पगड़ी पहनने की आज़ादी बनी रहे।
"सिखों को कोई चीज़ डरा नहीं सकती": राहुल गांधी
राहुल गांधी ने जवाब में कहा, "मुझे नहीं लगता कि कोई भी चीज़ सिखों को डराती है। मैंने जो बयान दिया था वह यह था कि क्या हम ऐसा भारत चाहते हैं जहां लोग अपने धर्म को व्यक्त करने में असहज महसूस करें?" उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी की बहुत-सी गलतियां उस वक्त हुईं जब वह पार्टी में नहीं थे, लेकिन वह उन सबकी जिम्मेदारी लेते हैं।
स्वर्ण मंदिर जाने और सिखों से प्रेमपूर्ण रिश्तों का किया ज़िक्र
राहुल गांधी ने कहा कि वह सार्वजनिक रूप से पहले भी कह चुके हैं कि 1980 के दशक में जो कुछ हुआ, वह गलत था। उन्होंने यह भी बताया कि वह कई बार स्वर्ण मंदिर जा चुके हैं और भारत में सिख समुदाय के साथ उनके अच्छे और प्रेमपूर्ण संबंध हैं। राहुल गांधी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि यह अभूतपूर्व है कि राहुल गांधी का अब केवल भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में उपहास किया जा रहा है। उन्होंने राहुल की पिछली अमेरिका यात्रा में दिए गए बयानों को भी "निराधार भय फैलाना" बताया।
भगवान राम को "पौराणिक व्यक्ति" बताने पर भी भाजपा का विरोध
भाजपा ने राहुल गांधी की उस टिप्पणी पर भी हमला बोला जिसमें उन्होंने भगवान राम को "एक पौराणिक व्यक्ति" कहा था। राहुल गांधी ने कहा था कि भारत के सभी महान विचारक और सुधारक – जैसे गुरु नानक, बसव, नारायण गुरु, फुले, गांधी, आंबेडकर – किसी भी प्रकार के कट्टरपंथी नहीं थे और उन्होंने हमेशा सत्य और अहिंसा की बात की। उन्होंने यह भी कहा कि भगवान राम क्षमाशील और दयालु थे, और वही भारतीय परंपरा की आत्मा हैं।
डर न हो तो नफरत भी नहीं होती
राहुल गांधी ने कहा कि वह भाजपा की सोच को हिंदू विचारधारा नहीं मानते। उन्होंने हिंदू विचार को बहुत अधिक बहुलतावादी, सहिष्णु, अपनत्व से भरा हुआ और खुला बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा एक फ्रिंज ग्रुप है, जो मुख्यधारा के भारतीय विचारकों का प्रतिनिधित्व नहीं करता। गांधी ने कहा कि महात्मा गांधी जैसे नेता नफरत के विरुद्ध खड़े थे और आधुनिक भारत में उनके जैसे बहुत कम लोग हुए हैं। उन्होंने कहा, "मेरे हिसाब से नफरत और गुस्सा डर से आता है। अगर आप डरते नहीं हैं, तो आप नफरत नहीं करते।"
अमित मालवीय की प्रतिक्रिया
रविवार को भाजपा नेता अमित मालवीय ने राहुल गांधी की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भगवान राम कोई पौराणिक व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि वह भारत की संस्कृति, मूल्यों और आध्यात्मिकता के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि भगवान राम मर्यादा, बलिदान और नेतृत्व के आदर्श हैं और कांग्रेस को करोड़ों हिंदुओं की आस्था का मजाक उड़ाना बंद करना चाहिए।