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Renaming of monument : इंडिया गेट की जगह अब भारत माता द्वार हो नाम

देश में प्रमुख स्थलों और स्मारकों के नाम बदलने के सिलसिले के बीच बीजेपी की ओर से अब इंडिया गेट का नाम बदले जाने की मांग उठी है। बीजेपी अल्पसंख्यक विंग के अध्यक्ष ने इसे लेकर पीएम को चिट्ठी लिखी है।

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Mukesh Pandit
India gate

Photograph: (Google)

नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क: 
केंद्र और राज्यों में भाजपा की सरकार आने के बाद प्रमुख धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थलों, शहर और मार्गों के नाम बदलने का सिलसिला काफी तेज हुआ है। आए दिन प्रमुख स्थलों व स्मारकों के नाम बदलने की मांग भी उठती रही है। नई मांग दिल्ली में स्थित स्वतंत्र भारत के राष्ट्रीय स्मारक इंडिया गेट का नाम बदलने की मांग उठी है। इस संबंध में भाजपा अल्पसंख्यक विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दकी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इंडिया गेट का नाम बदलकर भारत माता द्वारा रखे जाने की मांग की है।

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स्मारकों को दें भारतीय सांस्कृतिक पहचान

प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में बीजेपी अल्पसंख्यक विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने अनुरोध किया है कि जिस तरह देश में भारत संस्कृति के प्रति समर्पण की भावना पैदा हुई है, ऐसे में विदेशी आक्रांताओं और अंग्रेजों के गुलामी के चिह्नों को हटाकर राष्ट्रीय स्मारकों का नाम बदलकर भारतीय संस्कृति की पहचान को बढ़ावा देना चाहिए। जिस तरह मुगल औरंगजेब के नाम पर बनी  रोड का नाम बदलकर एपीजे अब्दुल कमाल किया गया और इंडिया गेट पर लगी किंग जार्ज पंचम की मूर्ति हटाकर नेता सुभाष चंद बोस की मूर्ति लगाई और राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ करके भारतीय संस्कृति से जोड़ा गया, उसी प्रकार इंडिया गेट का नाम बदलकर भारत माता द्वार रखा जाए। सरकार ने राष्ट्रपति भवन में स्थित मुगल गार्डन का नाम बदलकर अमृत उद्यान किया था।

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जानिए इंडिया गेट का इतिहास

इंडिया गेट को मूल रूप से  भारतीय युद्ध स्मारक कहा जाता है, जो कर्तव्यपथ पर 43 मीटर ऊंचा विशाल स्मार है। यह स्वतंत्र भारत का राष्ट्रीय स्मारक है,जिसे पहले किंग्सवे कहा जाता था। इसका डिजाइन सर बालेन शाह ने किया किया, जो फ्रांस में पेरिस के आर्क डे ट्रायम्फ से प्रेरित है। इंडिया गेट का निर्माण वर्ष 1931 में भारतीय युद्ध स्मारक के रूप में किया गया था। यह उन भारतीय सैनिकों की स्मृति में बनाया गया, ब्रिटिश सेना में भर्ती होकर प्रथम विश्व युद्ध और अफगान युद्ध के दौरान बलिदान हो गए थे। लाल और पीले बलुआ पत्थरों से बना यह स्मारक दर्शनीय स्थल है।

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अमर जवान ज्योति

इंडिया गेट जब बनकर तैयार हुआ था, तब इसके सामने जार्ज पंचम की एक मूर्ति लगी हुई थी,जिसे बाद में ब्रिटिश राज के समय की अन्य मूर्तियों के साथ कोरोनेशन पार्क में स्थापित कर दिया गया। जार्ज पंचम की मूर्ति की जगह यहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा है। राष्ट्रीय समारोह के अवसर पर इंडिया गेट पर हजारों की भीड़ उमड़ती है। खासतौर पर पंद्रह अगस्त और 26 जनवरी को लाइटिंग और लेजर शो का आयोजन किया गया है।
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