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नई दिल्ली , वाईबीएन नेटवर्क
देशभर में 76वें गणतंत्र की धूम है। केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 25 जनवरी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान- पद्म पुरस्कार 2025 के लिए नामों की घोषणा कर दी है। सूची के मुताबिक पद्म विभूषण 7, पद्म भूषण 19 और पद्म श्री पुरस्कार 113 हस्तियों को मिलेंगे। इसमें 6 हस्तियों को मरणोपरांत पद्म पुरस्कार दिया जाएगा, जिसमें लोक गायिका शारदा सिन्हा, पंकज उधास, सुशील मोदी, एम टी वासुदेवन नायर, ओसामा सुजुकी और मनोहर जोशी का नाम शामिल है। आइए इस गणतंत्र दिवस के मौके पर उनके काम को याद करते हुए, उनके बारे में जानते हैं।
पद्म विभूषण (मरणोपरांत) शारदा सिन्हा
बिहार के सुपौल में जन्मी बिहार-कोकिला शारदा सिन्हा को पहले ही उनके गीतों के लिए उन्हें पद्म श्री' एवं 'पद्म भूषण' सम्मान से विभूषित किया जा चुका है। इस बार उन्हें मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया जाएगा। मैथिली, भोजपुरी बज्जिका के अलावा शारदा सिन्हा ने कई हिंदी गीत भी गाये। मैंने प्यार किया, हम आपके हैं कौन तथा गैंग्स ऑफ वासेपुर जैसी फिल्मों में इनके द्वारा गाये गीत खुब प्रचलित हुए। दुल्हिन, पीरितिया, मेंहदी जैसे कैसेट्स काफी बिके, आज भी यूट्यूब और बाकी तमाम म्यूजिक स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म पर इनको सुनने वालों की संख्या करोड़ों में है। अपने करियर की शुरुआत मैथिली लोक गीत गाकर करने वाली शारदा सिन्हा ने खूब सुर्खियां बटोरी। बिहार ही नहीं देश -विदेश की लोकप्रिय गायिका शारदा सिन्हा का निधन 5 नवंबर 2024 को हो गया।
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पद्म भूषण (मरणोपरांत) पंकज उधास
देश के मशहूर गजल गायक पंकज उधास को मरणोपरांत पद्म भूषण से सम्मानित किया जाएगा। भारत देश के पश्चिमी तट पर स्थित गुजरात राज्य के राजकोट शहर में जन्मे एक ग़ज़ल गायक का पंकज उधास का निधन 26 फरवरी 2024 को हो गया। गजल को लोकप्रिय बनाने का जो श्रेय है वो तलत अज़ीज़ और जगजीत सिंह जैसे अन्य संगीतकारों के साथ ही पंकज उधास को भी जाता है। उधास को फिल्म नाम में गायकी से प्रसिद्धि मिली, जिसमें उनका एक गीत "चिट्ठी आई है" काफी लोकप्रिय हुआ था।
उनको साल 2006 में भी पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है।
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पद्मभूषण (मरणोपरांत) सुशील मोदी
बिहार की राजधानी पटना में 5 जनवरी 1952 को जन्मे सुशील कुमार मोदी को मरणोपरांत पद्म भूषण पुरस्कार में सम्मानित किया जाएगा। सुशील मोदी भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ और बिहार के तीसरे उपमुख्यमंत्री थे। वे बिहार के वित्त मंत्री भी रहे। 13 मई 2024 को उनका निधन हो गया। उस दौरान वे भारतीय जनता पार्टी की ओर से राज्यसभा सांसद थे।
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पद्म विभूषण (मरणोपरांत) एम टी वासुदेवन नायर
मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर मलयालम लेखक और फिल्म निर्देशक एम. टी. वासुदेवन नायर का 91 साल की उम्र में 26 दिसंबर 2024 को निधन हो गया। उनकी प्रसिद्ध रचनाओं में ‘नालुकेट’, ‘रंदामूज़म’, ‘वाराणसी’ और ‘स्पिरिट ऑफ डार्कनेस’ शामिल हैं। इस बार उन्हें मरणोपरांत पद्म विभूषण सम्मान दिया जाएगा। नायर ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता रहे। एक उपन्यास कॉलम के लिये उन्हें सन् 1970 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी उन्हें सम्मानित किया जा चुका है।
पद्म विभूषण (मरणोपरांत) ओसामा सुजुकी
भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के पितामह ओसामु सुजुकी का 94 साल की उम्र में 28 दिसंबर 2024 को निधन हो गया। मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (MSIL) के डायरेक्टर और मानद अध्यक्ष ओसामा सुजुकी का जन्म 30 जनवरी 1930 को हुआ था। चुओ यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की। ओसामु सुजुकी ने अप्रैल 1958 में सुजुकी मोटर कंपनी लिमिटेड में नौकरी शुरू की। नवंबर 1963 में उन्हें निदेशक बनाया गया। दिसंबर 1967 में वे निदेशक और प्रबंध निदेशक बन गए। गौरतलब है कि ओसामु सुजुकी ने वर्ष 1981 में मारुति उद्योग लिमिटेड के साथ मिलकर भारत में गाड़ियों का कारोबार शुरू किया था। उस समय भारत की अर्थव्यवस्था बंद थी लेकिन सुजुकी ने जोखिम उठाकर भारत में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की नींव रखी और आज भारतीय कार इंडस्ट्री दुनिया में अपना जलवा बिखेर रही है।
पद्म भूषण (मरणोपरांत) मनोहर जोशी
महाराष्ट्र की राजनीतिक दल शिवसेना के प्रमुख नेताओं में से एक मनोहर गजानन जोशी का निधन 23 फरवरी 2024 को हुआ। वे 1995-1999 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने शिवसेना से विधान परिषद के लिए निर्वाचित होकर अपने कैरियर की शुरुआत की। वे 1976 से 1977 के दौरान मुंबई के मेयर बने। वे 1990 में शिवसेना की टिकट पर विधानसभा के लिए चुने गए। जब जब शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन ने राज्य के चुनावों में कांग्रेस को पराजित किया तो वे महाराष्ट्र के प्रथम गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री बने। जब उन्होंने 1999 के आम चुनावों में सेन्ट्रल मुंबई से जीत हासिल की तो वे लोक सभा के लिए तरक्की की। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए (NDA)) प्रशासन के दौरान वे 2002 से 2004 तक लोक सभा के अध्यक्ष थे।