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Russia का दावा : भारत रूसी तेल के भुगतान में चीनी मुद्रा का भी इस्तेमाल कर रहा

रूस के उप-प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर नोवाक ने दावा किया है कि भारत अब रूसी तेल के भुगतान के लिए रूबल के साथ-साथ चीनी मुद्रा युआन का भी इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने बताया कि भारत अभी भी रूस से बड़ी मात्रा में कच्चा तेल खरीद रहा है।

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Ranjana Sharma
Karva Chauth11 (27)

नई दिल्‍ली, वाईबीएन डेस्‍कजहां एक ओर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दावा कर रहे हैं कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा वहीं रूस का कहना है कि भारत आज भी उसके कच्चे तेल के प्रमुख खरीदारों में बना हुआ है। रूस के उप-प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर नोवाक ने बताया है कि भारत अब रूसी तेल के भुगतान के लिए रूबल के साथ-साथ चीनी मुद्रा युआन का भी इस्तेमाल करने लगा है।

कुछ ट्रांजेक्शनों में युआन में भुगतान करना शुरू कर दिया

रूसी सरकारी समाचार एजेंसी TASS को दिए इंटरव्यू में नोवाक ने कहा कि भारत ने कुछ ट्रांजेक्शनों में युआन में भुगतान करना शुरू कर दिया है, हालांकि अधिकांश भुगतान अभी भी रूसी करेंसी रूबल में ही हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे जानकारी है कि इस तरह के भुगतान शुरू हो चुके हैं। फिलहाल इनका प्रतिशत कम है, लेकिन यह एक अहम बदलाव है। पहले की रिपोर्ट्स बताती हैं कि भारत मुख्य रूप से भारतीय रुपये में रूसी तेल के लिए भुगतान कर रहा था।

रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीद रहा भारत

ऊर्जा और स्वच्छ वायु अनुसंधान केंद्र के अनुसार सितंबर 2025 में चीन के बाद भारत, रूसी कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा आयातक रहा। रॉयटर्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के चलते रूस को व्यापार के लिए वैकल्पिक मुद्राओं का सहारा लेना पड़ा, जिसमें युआन और यूएई दिरहम शामिल हैं। भारत, जो पहले पारंपरिक रूप से खाड़ी देशों से कच्चा तेल खरीदता था, उसने फरवरी 2022 के बाद रूसी तेल आयात में भारी बढ़ोतरी की है। रूसी तेल पर मिलने वाली छूट और सस्ते दाम इसकी प्रमुख वजह रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ साल पहले तक भारत का रूसी तेल आयात कुल आयात का सिर्फ 1% था, जो अब बढ़कर करीब 40% तक पहुंच गया है।

डोनाल्ड ट्रंप का दावा, मोदी ने दिया आश्वासन

दूसरी ओर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रूसी तेल खरीद पर बात की, और पीएम मोदी ने उन्हें आश्वस्त किया कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। ट्रंप ने कहा, "यह एक बड़ा कदम है। अब हमें चीन पर भी इसी तरह दबाव डालना होगा। हालांकि ट्रंप के इस दावे को लेकर भारत सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
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