Advantage Assam Summit : गुवाहाटी में 25 फरवरी को होने वाले एडवांटेज असम शिखर सम्मेलन से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 45 देशों के राजदूतों और मिशन प्रमुखों के साथ काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का दौरा किया और वहां हाथी सफारी का आनंद लिया। विदेश मंत्री ने कहा कि "मैं पर्यटकों की बढ़ती संख्या देखकर खुश हूं। हम एडवांटेज असम के लिए यहां हैं और फिर गुवाहाटी जाएंगे। हमारा उद्देश्य असम और पूर्वोत्तर राज्यों को अधिक पहचान दिलाना है और अधिक पर्यटक, अंतर्राष्ट्रीय रुचि और निवेशकों को आकर्षित करना है। उन्होंने यह भी बताया कि काजीरंगा में पर्यटकों की संख्या पहले ही तीन लाख को पार कर चुकी है जो एक सकारात्मक रुझान है।
यह असम राज्य की संभावनाओं का एक उदाहरण
तिमोर-लेस्ते के प्रतिनिधि ने काजीरंगा में हाथी, गैंडे और बाघ जैसे वन्यजीवों को देखने का अनुभव साझा करते हुए कहा कि "यह असम राज्य की संभावनाओं का एक उदाहरण है, जो भारत दुनिया को दे सकता है। यहां की जंगली जानवर हमें शांति के बारे में सिखाते हैं, जैसे गैंडे और हाथी जो आक्रामक होते हुए भी एक साथ रहते हैं। एक अन्य राजदूत ने कहा कि मैं विदेश मंत्री और असम के अधिकारियों का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने हमें ऐसा अवसर दिया, जो हमेशा के लिए भारत के साथ जुड़ी एक यादगार स्मृति बनकर रहेगा। उन्होंने इस यात्रा के दौरान असम की प्राकृतिक सुंदरता को देखा और इसके संरक्षण की कामना की।
असम शिखर सम्मेलन असम सरकार की सबसे बड़ी पहल
एडवांटेज असम शिखर सम्मेलन के बारे में बात करते हुए एक प्रतिनिधि ने कहा कि यह असम सरकार की सबसे बड़ी निवेश प्रोत्साहन पहल है, जो राज्य की भू-रणनीतिक स्थिति और एक प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में इसकी क्षमता को उजागर करती है। असम अपने हरे-भरे चाय बागानों और पेट्रोलियम संसाधनों के लिए प्रसिद्ध है, और अब यह कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, हस्तशिल्प, पर्यटन और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में भी विकास कर रहा है।