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Pahalgam Attack : रोबिंदर सचदेव ने पहलगाम आतंकी हमले पर जताया दुख, कहा- कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत करना जरूरी

रोबिंदर सचदेव ने कहा कि 26/11 के बाद यह नागरिकों की मौत का सबसे बड़ा हमला है। उन्होंने भारत से तकनीकी उपायों पर ध्यान देने की अपील की, खासकर कश्मीर में सुरक्षा के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करने की सलाह दी।

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Deepak Yadav
 Robindar Sachdev Senior Foreign Expert

सीनियर फॉरेन एक्सपर्ट रोबिंदर सचदेव Photograph: (YBN)

नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।  जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack)  पर सीनियर फॉरेन एक्सपर्ट रोबिंदर सचदेव ने गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सेना को तकनीकी रूप से और सशक्त करने की आवश्यकता है। इस हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी महत्वपूर्ण विदेश यात्रा रद्द कर भारत लौटकर स्वयं उच्च स्तरीय बैठक की कमान संभाली। इसके साथ ही, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए भारत के साथ पूर्ण समर्थन की घोषणा की है। 

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पहलगाम हमला दुखद और चिंताजनक

सीनियर फॉरेन एक्सपर्ट रोबिंदर सचदेव ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर कहा कि यह अत्यंत दुखद और चिंताजनक है। एक जान की कीमत पूरी दुनिया के बराबर होती है, और यहां इतनी सारी जानें ली गई हैं। यह बहुत बड़ा हमला है। हमें यह समझना होगा कि यह क्यों हो रहा है और इसे रोका क्यों नहीं जा सका। हमला करने वाला समूह खुद को कश्मीरी आतंकी समूह के रूप में पेश कर रहा है। इसकी इस्लामिक पहचान तो है, लेकिन इसे पीछे रखकर कश्मीरी राष्ट्रवाद को आगे किया जा रहा है। यह दिखाता है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी समूहों की रणनीति अब यह है कि कश्मीर में आतंक को कश्मीरियों द्वारा किया गया और राष्ट्रीयता से प्रेरित दिखाया जाए, न कि धार्मिक आधार पर। यह रणनीति अनुच्छेद 370 हटने के बाद से बनाई गई है।

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कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत करना जरूरी

उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सऊदी अरब में अपनी महत्वपूर्ण बैठक को बीच में छोड़कर भारत लौटकर स्थिति की कमान संभाली है। यह दर्शाता है कि देश का सर्वोच्च नेतृत्व इस घटना को लेकर कितना चिंतित और केंद्रित है। तात्कालिक तौर पर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा होगी और फरार आतंकियों को पकड़कर कानून के दायरे में लाना प्राथमिकता होगी। साथ ही, पाकिस्तान में इनके मूल स्रोतों को निशाना बनाने की रणनीति पर भी विचार होगा। इस समय कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करना जरूरी है। इतनी बड़ी संख्या में सेना और पुलिस तैनात होने के बावजूद आतंकी जंगलों या गांवों से निकलकर हमला कर रहे हैं। हमें अपनी सुरक्षा और खुफिया तंत्र को पुनर्गठित करना होगा। हर गतिविधि, चाहे कोई पैदल निकले, जीप में हो, या मोटरसाइकिल पर, उसे तुरंत ट्रैक कर दबोच लेना चाहिए।

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26/11 के बाद नागरिकों की मौत का सबसे बड़ा हमला

सचदेव ने कहा कि 26/11 के बाद यह नागरिकों की मौत का सबसे बड़ा हमला है। भारतीयों की हर मौत एक बड़ा हादसा है। भारत को तकनीक की ओर ध्यान देना होगा। क्यों न ड्रोन की मदद से कश्मीर में एक सुरक्षा छतरी बनाई जाए? हजारों करोड़ की लागत आएगी, लेकिन यह एक ऐसा सुरक्षा कवच होगा, जो पूरे क्षेत्र की मैपिंग करेगा। ड्रोन को 2.5 से 3 किलोमीटर की ऊंचाई पर रखा जाए, ताकि आतंकियों की एके-47 की पहुंच से बाहर हो। एक कंट्रोल रूम हो, जहां तत्काल जानकारी मिले और संदिग्ध गतिविधियों पर कार्रवाई हो। यह तकनीक संभव है।

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दुख की घड़ी में अमेरिकी ने भारत का दिया साथ 

उन्होंने आगे कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस दुख की घड़ी में भारत का साथ दिया है, जो बहुत अच्छी बात है। हम उनका आभार व्यक्त करते हैं। यह दिखाता है कि भारत और अमेरिका भविष्य में सुरक्षा चुनौतियों में एक-दूसरे के साथ खड़े होंगे। जब कोई मित्र हमारे दुख में साथ देता है, तो यह हमें और मजबूती देता है। हम भी अमेरिका के दुख की घड़ी में उनके साथ खड़े होंगे।

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