Sharmistha Panoli की गिरफ्तारी पर उठे सवाल, राजनीतिक दबाव में कार्रवाई का आरोप
22 वर्षीय शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी पर उठे सवाल। क्या यह तुष्टिकरण की राजनीति का उदाहरण है? ममता बनर्जी पर भी उठी कार्रवाई की मांग। जानें पूरा मामला।
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। Sharmistha Panoli News: भाजपा के आईटी सेल के हैड अमित मालवीय ने शर्मिष्ठा पनोली मामले में पश्चिम बंगाल की सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को घेरने का प्रयास किया है। उन्होंंने एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर इस गिरफ्तारी को तुष्टीकरण की राजनीति करार दिया है।
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वीडियो डिलीट करने के बाद भी गिरफ्तारी
अमित मालवीय ने कहा है कि महज 22 साल की शर्मिष्ठा पनोली को एक डिलीट किए गए वीडियो के कारण गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। यह वीडियो उन्होंने पहले ही 15 मई को सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए हटा दिया था। इसके बावजूद कोलकाता पुलिस की इस तेजी से की गई कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
Photograph: (Google)
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राजनीतिक दबाव में गिरफ्तारी का आरोप
अमित मालवीय ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि यह कानून व्यवस्था नहीं, बल्कि चुनी हुई कार्रवाई है? इस पूरे मामले में कहीं भी सांप्रदायिक तनाव या हिंसा की कोई खबर नहीं है। बावजूद इसके, जिस प्रकार से पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की है, वह राजनीतिक दबाव और वोट बैंक तुष्टीकरण का संकेत देता है।
ममता बनर्जी पर भी सवाल
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अमित मालवीय ने कहा है कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी स्वयं कई बार विवादित और भड़काऊ बयान दे चुकी हैं, जिनके कारण कई बार हिंसा, जनहानि और संपत्ति का नुकसान भी हुआ है। लेकिन क्या उनके खिलाफ भी उसी तत्परता से कार्रवाई की गई है? "पूरा भारत देख रहा है"यह मामला अब केवल पश्चिम बंगाल तक सीमित नहीं है। यह दिखाता है कि कैसे एक युवा हिंदू महिला को निशाना बनाया जा रहा है। राजनीतिक लाभ के लिए ऐसा करना सही नहीं है।न्याय को राजनीतिक सुविधा के अनुसार नहीं चलना चाहिए। भारत देख रहा है।
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