नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। Instagram Influencer Sharmishtha Panauli News: इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर और पुणे की लॉ स्टूडेंट शर्मिष्ठा पनौली की गिरफ्तारी को लेकर आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और जनसेना प्रमुख पवन कल्याण ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि शर्मिष्ठा ने अपनी गलती मानी, वीडियो हटाया और सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगी। इसके बावजूद कोलकाता पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए उन्हें गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया, लेकिन जब चुने हुए नेता सनातन धर्म का अपमान करते हैं, तब न कोई गिरफ्तारी होती है और न कोई माफी।
बोले- सबके लिए समान हो न्याय
पवन कल्याण ने कहा- "ब्लासफेमी (धार्मिक अपमान) हर हाल में निंदनीय है। धर्मनिरपेक्षता कुछ लोगों के लिए ढाल और दूसरों के लिए तलवार नहीं बन सकती। यह दोतरफा होनी चाहिए। देश देख रहा है, न्याय सबके लिए समान होना चाहिए।"
जानिए क्या है मामला?
'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान शर्मिष्ठा पनौली ने एक इंस्टाग्राम वीडियो में बॉलीवुड सितारों की चुप्पी पर सवाल उठाए थे। इस वीडियो को लेकर कोलकाता के गार्डनरीच थाने में FIR दर्ज की गई थी। पुलिस के अनुसार, इससे एक समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं। शर्मिष्ठा ने 15 मई को वीडियो हटा दिया था और माफी मांग ली थी, लेकिन शिकायत दर्ज होने के बाद कोलकाता पुलिस ने कई बार कानूनी नोटिस भेजने की कोशिश की, जो असफल रही क्योंकि वह और उनका परिवार फरार हो गए थे। इसके बाद कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ और शुक्रवार रात को उन्हें गुरुग्राम से गिरफ्तार कर कोलकाता लाया गया। शनिवार को अलीपुर कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
पवन कल्याण का तीखा सवाल
पवन कल्याण ने इस कार्रवाई की तुलना उन मामलों से की, जहां राजनीतिक नेता विशेष रूप से टीएमसी सांसदों द्वारा सनातन धर्म पर अपमानजनक टिप्पणी की जाती है। पवन कल्याण ने कहा- जब किसी धर्म को ‘गंदा धर्म’ कहा जाता है तो उस समय कोई गिरफ्तारी क्यों नहीं होती? कोई माफी क्यों नहीं दी जाती? क्या कानून सबके लिए समान नहीं होना चाहिए?
शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी पर छिड़ी बहस
शर्मिष्ठा पनौली की गिरफ्तारी ने धर्मनिरपेक्षता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और कानूनी समानता जैसे विषयों पर एक बड़ी बहस छेड़ दी है। अब देखना होगा कि पश्चिम बंगाल पुलिस इस मामले में आगे क्या रुख अपनाती है।