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अमेरिका समझे हमारे कृषि व ऊर्जा की अहमियत, हम दब नहीं सकते: Shashi Tharoor

शशि थरूर ने ट्रंप के 50 % टैरिफ निर्णय को भारत के निर्यात, वैश्विक प्रतिस्पर्धा और आर्थिक हितों के लिए गंभीर खतरा बताया है। उन्होंने वैश्विक बाज़ार में व्यापार की बात करते हुए कहा कि अगर सौदा अनुचित हो, तो भारत को वह छोड़ने का विकल्प भी रखना चाहिए।

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Ranjana Sharma
shashi tharoor
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: अमेरिका ने रूसी तेल खरीद का हवाला दे कर भारत पर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिससे भारत पर कुल 50% शुल्क का बोझ पड़ गया है। इस फैसले पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इसे “अन्यायपूर्ण, अनुचित और आर्थिक रूप से खतरनाक” बताया। 

थरूर की प्रमुख बातें

  • यदि कुल टैरिफ 50% हो गया, तो भारतीय उत्पाद महंगे पड़ेंगे और भारत प्रतिस्पर्धा में पीछे हो सकता है। 
  • जब वियतनाम, इंडोनेशिया, फिलीपींस, बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे देशों पर कम टैरिफ हैं, तो ग्राहक हमारे उत्पाद खरीदने की बजाए चीन या अन्य देशों से खरीदेंगे।
  • थरूर ने निर्यात विविधीकरण का जोर देकर सुझाव दिया कि भारत को ब्रिटेन के साथ होने वाले मुक्त व्यापार समझौते और EU के साथ बातचीत को तेज करना चाहिए। 
    आज तक
  • उन्होंने इस निर्णय को एक “bargaining tactic” कहा और यह कहा कि भारत को ठोस, रणनीतिक रुख बनाए रखने की आवश्यकता है। 
  • थरूर ने यह भी बताया कि अमेरिका हमारे कृषि पर निर्भर करोड़ों लोगों के livelihoods को समझे। भारत कृषि और ऊर्जा सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा। 
  • उन्होंने चेताया कि ये शुल्क भारत के निर्यात को अमेरिका में लगभग अप्राप्य बना सकते हैं, जिससे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में हम पिछड़ सकते हैं, विशेषकर वियतनाम, इंडोनेशिया, फिलीपींस, बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे देशों के मुकाबले 

आर्थिक विशेषज्ञ भी बार-बार चेतावनी दे रहे हैं

विश्लेषकों ने संकेत दिया है कि 50 % टैरिफ लागू होने से भारतीय निर्यात को भारी आर्थिक झटका लग सकता है। इससे कुछ क्षेत्रों जैसे टेक्सटाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, ज्वेलरी और फार्मा को सबसे अधिक नुकसान होने की आशंका है।

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