नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।दिल्ली की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सत्येंद्र जैन द्वारा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद बांसुरी स्वराज के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि की शिकायत को खारिज कर दिया। अदालत ने मामले का संज्ञान लेने से इनकार करते हुए शिकायत को खारिज कर दिया।
इसलिए याचिका हुई खारिज
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (ACMM) नेहा मित्तल ने सुनवाई के दौरान कहा कि शिकायत में ऐसा कोई आधार नहीं पाया गया, जो मानहानि के आरोप को सिद्ध कर सके। उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर यह मामला दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 203 के तहत खारिज किया जाता है। अदालत ने स्पष्ट किया कि शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों में यह साबित नहीं हो पाया कि बांसुरी स्वराज के बयान मानहानिकारक थे या उनका उद्देश्य शिकायतकर्ता की छवि धूमिल करना था।
असहमति या आलोचना को मानहानि नहीं माना जा सकता
गौरतलब है कि सत्येंद्र जैन ने बांसुरी स्वराज के उस बयान के खिलाफ यह शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर जैन पर भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग के आरोप लगाए थे। जैन ने अदालत में दलील दी थी कि यह बयान उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से दिया गया था। हालांकि, अदालत ने यह मानने से इनकार कर दिया कि उक्त बयान मानहानि की श्रेणी में आता है। अदालत ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में नेताओं के बयानों को व्यापक संदर्भ में देखा जाना चाहिए और केवल असहमति या आलोचना को मानहानि नहीं माना जा सकता।
कोर्ट के फैसले से निराश हुए सत्येंद्र जैन
इस फैसले के बाद भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि यह न्याय और सच्चाई की जीत है। उन्होंने कहा कि उन्होंने जो भी कहा था, वह साक्ष्यों और तथ्यों पर आधारित था और अदालत के फैसले ने उनकी बात को सही साबित किया है। वहीं, आप नेता सत्येंद्र जैन ने इस फैसले पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि वह कानूनी परामर्श के बाद आगे की कार्रवाई पर विचार करेंगे।