Advertisment

भारत कब आएंगे सितारे छूकर धरती पर लौटे Shubhanshu Shukla, जानिए स्वदेश वापसी की योजना

18 दिन के आईएसएस मिशन के बाद शुभांशु शुक्ला सफलतापूर्वक धरती पर लौटे। जानिए उनके शोध, स्वदेश वापसी की योजना और भारत के गगनयान मिशन पर इसका असर।

author-image
Dhiraj Dhillon
welcome Shubhanshu Shukla
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 18 दिन बिताने के बाद भारतीय वैज्ञानिक शुभांशु शुक्ला मंगलवार को पृथ्वी पर सकुशल लौट आए। हालांकि उनकी स्वदेश वापसी अभी एक महीने दूर है। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के अनुसार, मिशन के बाद की औपचारिकताएं पूरी होने के बाद शुभांशु 17 अगस्त तक भारत लौटेंगे।
शुभांशु की इस ऐतिहासिक उपलब्धि से भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन की तैयारियों को नई गति मिली है। उन्होंने पृथ्वी की कक्षा में सबसे ज्यादा समय बिताने वाले पहले भारतीय बनने का गौरव भी हासिल किया

Advertisment

आईएसएस में किए गए 7 वैज्ञानिक प्रयोग

शुभांशु शुक्ला ने मिशन के दौरान कुल सात प्रयोग किए जिनमें माइक्रोग्रैविटी, साइनोबैक्टीरिया, सूक्ष्म शैवाल और स्टेम सेल रिसर्च शामिल हैं। ये शोध न केवल भारत, बल्कि वैश्विक अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए भी मील का पत्थर हैं। NASA के मुताबिक, ये प्रयोग चंद्रमा, मंगल जैसे दीर्घकालिक मिशनों की आधारशिला रखेंगे और कैंसर उपचार जैसे क्षेत्रों में भी मददगार हो सकते हैं।

कैलिफोर्निया के पास समुद्र में सफल लैंडिंग

Advertisment

भारतीय समयानुसार दोपहर 3:01 बजे, शुभांशु शुक्ला और Axiom-4 मिशन के तीन अन्य यात्री कैलिफोर्निया के पास प्रशांत महासागर में सुरक्षित उतरे।स्पेसएक्स के "ड्रैगन ग्रेस" यान ने 28,000 किमी/घंटा की रफ्तार से यात्रा कर पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते हुए सुरक्षित लैडिंग की। कुछ ही मिनटों में स्पेसएक्स की रिकवरी शिप "शैनन" पर अंतरिक्ष यात्री लाए गए, जहां वे हंसते हुए कैमरों के सामने दिखाई दिए। 20 दिन बाद उन्होंने पृथ्वी की हवा में सांस ली।

सात दिन पृथ्वी पर पुनर्वास प्रक्रिया

स्पेस एक्स के प्रोटोकॉल के तहत, सभी चार अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर सात दिन का क्वारंटीन अनिवार्य रूप से बिताना होगा ताकि वे धरती के गुरुत्वाकर्षण के अनुकूल हो सकें। इस दौरान उनकी मेडिकल जांच भी की जा रही है, ताकि शरीर की सामान्य कार्यप्रणाली को सुनिश्चित किया जा सके।

Advertisment

मिशन की पृष्ठभूमि और भारत की भागीदारी

Axiom-4 मिशन के तहत 25 जून को स्पेसएक्स का "ड्रैगन ग्रेस" यान फ्लोरिडा से लॉन्च हुआ और 26 जून को आईएसएस पहुंचा। शुभांशु समेत मिशन के अन्य सदस्य – कमांडर पैगी व्हिटसन (अमेरिका), स्लावोज़ विस्नीव्स्की (पोलैंड), टिबोर कापू (हंगरी) – ने 18 दिन में 60 से अधिक प्रयोग किए। भारत सरकार ने इस मिशन में ₹550 करोड़ का निवेश किया है, जिससे भविष्य के मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन (गगनयान) की राह मजबूत होगी।

एक्सिओम स्पेस और स्पेसएक्स का सहयोग

Advertisment

टेक्सास आधारित स्टार्टअप एक्सिओम स्पेस द्वारा संचालित यह चौथा मिशन था, जो एलन मस्क की स्पेसएक्स कंपनी के सहयोग से अंतरिक्ष में भेजा गया। गगनयान मिशन के तहत 2027 तक भारत का खुद का मानव मिशन भेजे जाने की योजना है, और शुभांशु की यात्रा को इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

Shubhanshu Shukla | शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा | Shubhanshu Shukla ISS | Group Captain Shubhanshu Shukla | axiom 4 mission updates | Axiom mission astronaut India

Shubhanshu Shukla axiom 4 mission updates Axiom mission astronaut India Group Captain Shubhanshu Shukla Shubhanshu Shukla ISS शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा
Advertisment
Advertisment