/young-bharat-news/media/media_files/2025/04/30/CizJRH7l6UIS2cU8LOGX.png)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: दिल्ली उच्च न्यायालय में सोमवार को छह नए न्यायाधीशों ने अपने पद की शपथ ली, जिससे अदालत में कुल न्यायाधीशों की संख्या बढ़कर 40 हो गई है। शपथ ग्रहण समारोह दिल्ली उच्च न्यायालय परिसर में आयोजित किया गया, जहां मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने इन न्यायाधीशों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
इन्होंने ली शपथ
शपथ लेने वालों में न्यायमूर्ति वी. कामेश्वर राव, न्यायमूर्ति नितिन वासुदेव साम्ब्रे, न्यायमूर्ति विवेक चौधरी, न्यायमूर्ति अनिल क्षेत्रपाल, न्यायमूर्ति अरुण कुमार मोंगा और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला शामिल हैं। इन नियुक्तियों के साथ दिल्ली हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या अब 40 हो गई है, जबकि स्वीकृत पदों की संख्या 60 है। शपथ ग्रहण के दौरान एक विशेष पहलू यह रहा कि न्यायमूर्ति विवेक चौधरी ने हिंदी में शपथ ली, जबकि शेष पांच न्यायाधीशों ने अंग्रेज़ी में शपथ ग्रहण की।
पहले यहां थे कार्यरत
इनमें से न्यायमूर्ति नितिन साम्ब्रे पहले बंबई उच्च न्यायालय में कार्यरत थे, जबकि न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और ओम प्रकाश शुक्ला इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सेवा दे रहे थे। न्यायमूर्ति अनिल क्षेत्रपाल पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय से और न्यायमूर्ति अरुण कुमार मोंगा राजस्थान उच्च न्यायालय से स्थानांतरित होकर आए हैं। वहीं न्यायमूर्ति वी. कामेश्वर राव का तबादला कर्नाटक उच्च न्यायालय से हुआ है।
विभु बाखरू को 16 जुलाई को विदाई दी गई
इस अवसर पर दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश विभु बाखरू को कर्नाटक उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनाए जाने पर 16 जुलाई को विदाई भी दी गई। उनके स्थानांतरण के कारण अब दिल्ली हाईकोर्ट के तीन सदस्यीय कॉलेजियम का भी पुनर्गठन होगा। पहले तक कॉलेजियम में मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय, न्यायमूर्ति विभु बाखरू और न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह शामिल थे। अब इस कॉलेजियम में मुख्य न्यायाधीश उपाध्याय के साथ न्यायमूर्ति राव और न्यायमूर्ति साम्ब्रे को शामिल किया जाएगा, क्योंकि वे न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह से वरिष्ठ हैं। यह सभी नियुक्तियां और तबादले केंद्र सरकार द्वारा 14 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश के आधार पर अधिसूचित किए गए थे। Delhi high court