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जोधपुर, वाईबीएन डेस्क : लेह में हाल ही में भड़की हिंसा के बाद गिरफ्तार किए गए पर्यावरण कार्यकर्ता और सामाजिक नेता सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लेकर चार राज्यों की सीमा पार कर राजस्थान के जोधपुर लाया गया। सोनम वांगचुक को विशेष सुरक्षा व्यवस्था के तहत सीधे सेंट्रल जेल भेजा गया।
गोपनीयता और कड़ी सुरक्षा के बीच जोधपुर जेल में किया शिफ्ट
सूत्रों के अनुसार वांगचुक को जोधपुर लाने की पूरी प्रक्रिया को पूर्ण गोपनीयता से अंजाम दिया गया। जैसे ही वायुसेना स्टेशन पर विमान उतरा हथियारों से लैस कमांडो और पुलिस बल ने उन्हें अपनी निगरानी में लेकर जेल तक पहुंचाया। जोधपुर की सेंट्रल जेल को देश की सबसे सुरक्षित जेलों में गिना जाता है। यहां पहले भी खतरनाक आतंकवादियों को रखा जा चुका है, इसीलिए वांगचुक की सुरक्षा के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं।
लेह में हिंसा के बाद हुई कार्रवाई
यह गिरफ्तारी 24 सितंबर को लेह में हुए प्रदर्शन के बाद हुई जिसमें लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने, राज्य का दर्जा बहाल करने और पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा की मांग को लेकर हजारों लोग सड़कों पर उतरे थे। हालांकि प्रदर्शन के दौरान हालात बेकाबू हो गए और हिंसा भड़क उठी। पुलिस को लाठीचार्ज, आंसू गैस और फायरिंग तक करनी पड़ी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और करीब 70 लोग घायल हो गए। इसके बाद लेह में कर्फ्यू लगा दिया गया और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं।
वांगचुक पर युवाओं को भड़काने का आरोप
लद्दाख पुलिस का कहना है कि सोनम वांगचुक ने प्रदर्शन के दौरान युवाओं को उकसाने का काम किया। गृह मंत्रालय के निर्देश पर कई एफआईआर दर्ज की गईं और अंततः एनएसए के तहत उनकी गिरफ्तारी की गई। बता दें सोनम वांगचुक लद्दाख के जाने-माने इंजीनियर, शिक्षक और पर्यावरण संरक्षक हैं। उन्होंने एनआईटी श्रीनगर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और शिक्षा व पर्यावरण के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया है। उनकी सोच और कार्यों से ही प्रेरित होकर बॉलीवुड फिल्म "थ्री इडियट्स" बनाई गई थी। वे लेह एपेक्स बॉडी के वरिष्ठ सदस्य हैं, जो कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के साथ मिलकर पिछले पांच वर्षों से लद्दाख के लिए छठी अनुसूची और पूर्ण राज्य का दर्जा मांग रहे हैं। इसी आंदोलन की पृष्ठभूमि में भड़की हिंसा के बाद उन्हें जेल भेजा गया है।