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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। कर्नाटक के बहुचर्चित धर्मस्थल दफन प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक संबंधी निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। यह आदेश धर्मस्थल के धर्माधिकारी डी. वीरेंद्र हेगड़े के भाई हर्षेंद्र कुमार से जुड़े मामलों को लेकर मीडिया कवरेज पर अस्थायी रोक के संबंध में था। धर्मस्थल मंदिर दफन मामले के संबंध में धर्मस्थल धर्माधिकारी वीरेंद्र हेगड़े के भाई हर्षेंद्र कुमार डी. के खिलाफ किसी भी अपमानजनक सामग्री के प्रकाशन पर रोक लगाने वाले बेंगलुरु की अदालत के आदेश के खिलाफ यूट्यूब चैनल ‘थर्ड आई’ ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है।
संस्थानों को 9,000 खबरें और लिंक हटाने का निर्देश
इस मामले मेंयूट्यूब चैनल ‘थर्ड आई’ ने याचिका दाखिल कर बेंगलुरु की अदालत के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें मीडिया संस्थानों को लगभग 9,000 खबरें और लिंक हटाने का निर्देश दिया गया था। यह आदेश मंदिर के सचिव हर्षेंद्र कुमार द्वारा दायर मानहानि मामले के तहत पारित किया गया था।
झूठी और मानहानिकारक सामग्री प्रसारित
आरोप है कि सोशल मीडिया और समाचार प्लेटफॉर्म्स पर उनके खिलाफ झूठी और मानहानिकारक सामग्री प्रसारित की जा रही थी, जबकि किसी भी प्राथमिकी में उनके खिलाफ प्रत्यक्ष आरोप नहीं थे। प्रधान न्यायाधीश बी. आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता से पूछा कि उन्होंने पहले हाईकोर्ट क्यों नहीं गए। कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा, “आप पहले उच्च न्यायालय का रुख करें।”
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