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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क | सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण के मुद्दे को लेकर दायर एक याचिका पर जुलाई में सुनवाई करने का गुरूवार, 27 जून को निर्णय लिया। यह मामला न्यायमूर्ति के. वी. विश्वनाथन और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए आया था। मामले में उपस्थित हुए वकील ने बंबई उच्च न्यायालय के 11 जून के आदेश का हवाला दिया, जिसमें मराठा आरक्षण प्रदान करने वाले कानून की संवैधानिक वैधता के खिलाफ याचिकाओं पर 18 जुलाई से नये सिरे से सुनवाई करने का निर्णय लिया गया था।
अंतरिम राहत देने से इनकार
बता दें, वकील ने पीठ को सूचित किया कि शीर्ष अदालत ने पूर्व में उच्च न्यायालय से एक पीठ गठित करने और अंतरिम राहत पर मामले की सुनवाई करने को कहा था। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने मामले में कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया और वह मामले की सुनवाई जारी रखेगा। शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई 14 जुलाई वाले सप्ताह के लिए तय की है।
क्या है मामला?
महाराष्ट्र राज्य सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों (एसईबीसी) के लिए आरक्षण अधिनियम, 2024 से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करने और निर्णय लेने के लिए पिछले महीने उच्च न्यायालय की एक विशेष पीठ का गठन किया गया था। एसईबीसी अधिनियम महाराष्ट्र की लगभग एक-तिहाई आबादी वाले मराठा समुदाय को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करता है और पिछले साल लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान राजनीतिक विमर्श में छाया रहा था। एसईबीसी अधिनियम पिछले वर्ष 20 फरवरी को पारित किया गया था।
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