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Supreme Court का फरमान, उपभोक्ता संगठन के सदस्यों को बिना अवकाश के वेतन और अन्य सुविधाएं दी जाएं

सर्वोच्च न्यायालय ने सभी राज्यों और जिला उपभोक्ताओं को निर्देश दिया है कि वे राज्य और जिला ग्राहकों को चोट पहुंचाएं, राष्ट्रपतियों और मंडलों को सामान्य स्तर के अनुसार वेतन और ग्रेड का तुरंत भुगतान करें।

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Mukesh Pandit
सर्वोच्च न्यायालय
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नई, दिल्ली वाइबीएन नेटवर्क।

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सर्वोच्च न्यायालय ने सभी राज्यों और जिला उपभोक्ताओं को निर्देश दिया है कि वे राज्य और जिला ग्राहकों को चोट पहुंचाएं, राष्ट्रपतियों और मंडलों को सामान्य स्तर के अनुसार वेतन और ग्रेड का तुरंत भुगतान करें। अभय अभय एस. ओका एवं रेस्तरां एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने केंद्र को संरक्षण संरक्षण (राज्य आयोग और जिला आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के वेतन, संख्या और सेवा की छूट) मॉडल नियम, 2020 में संशोधन करने पर विचार करने का भी निर्देश दिया।

वेतन-भत्तों का भुगतान बिना छूट जाए

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पृ. शीर्ष अदालत ने पांच मार्च के आदेश में कहा, 'अगर कुछ राज्य सुविधाएं नहीं दी गई हैं, तो संबंधित पक्ष न्यायमित्र को इस नौकरी का एक नोट के लिए स्वतंत्र है, इसलिए अदालत ने आदेश दिया है कि गुणवत्तापूर्ण उपभोक्ता मंचों के स्नातक स्तर की पढ़ाई और सेवा सहायकों से संबंधित एक सूची जारी की जा रही है।

निर्दोष के मामले में केंद्र को नोटिस

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एक अन्य मामले में उच्चतम न्यायालय ने जेलों में दिव्यांग कैदियों के लिए पर्याप्त सुविधाएं और देश भर की जेलों में दिव्यांगजनों के अधिकार अधिनियम, 2016 के क्रियान्वयन के अनुरोध वाली याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता सत्यन नरवूर द्वारा दायर याचिका पर भारत संघ और अन्य को नोटिस जारी किया।

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