Advertisment

Pahalgam attack के आतंकी पाकिस्तानी निकले, सुरक्षाबलों को मिले पुख्ता सबूत

पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए तीनों आतंकियों की पाकिस्तानी नागरिकता की पुष्टि हो गई है। सुरक्षा एजेंसियों को बायोमेट्रिक डेटा, पाकिस्तानी दस्तावेज और डीएनए मिलान से पुख्ता सबूत मिले हैं।

author-image
Dhiraj Dhillon
Operation Mahadev site
Listen to this article
00:00/ 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।Jammu Kashmir News:जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में अप्रैल में हुए घातक आतंकी हमले में शामिल तीनों आतंकवादियों की पाकिस्तानी नागरिकता की पुष्टि हो गई है। सुरक्षा एजेंसियों ने इनके खिलाफ मजबूत सबूत जुटाए हैं, जिनमें पाकिस्तान सरकार द्वारा जारी दस्तावेज, एनएडीआरए के बायोमेट्रिक रिकॉर्ड और फोरेंसिक डीएनए मिलान शामिल हैं।

28 जुलाई को दाचीगाम में मारे गए थे तीनों आतंकी

सुरक्षाबलों ने इन तीनों आतंकियों को महादेव ऑपरेशन के तहत श्रीनगर के बाहरी इलाके दाचीगाम के जंगलों में मार गिराया था। ये सभी 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए हमले के बाद से हरवान-दाचीगाम वन क्षेत्र में छिपे हुए थे, जहां हमले में 28 लोगों की जान गई थी।

पाकिस्तानी दस्तावेजों से हुआ खुलासा

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मारे गए आतंकियों के पास पाकिस्तान निर्वाचन आयोग द्वारा जारी मतदाता पर्चियां मिली हैं। इनमें एक लाहौर (NA-125) और दूसरी गुजरांवाला (NA-79) की मतदाता सूची से मेल खाती है। साथ ही पाकिस्तान निर्मित चॉकलेट ब्रांड ‘कैंडीलैंड’ और ‘चोकोमैक्स’ के रैपर भी बरामद हुए हैं।

मारे गए आतंकियों की पहचान

1. सुलेमान शाह उर्फ फैजल जट्ट - ए++ श्रेणी का आतंकवादी और हमले का मुख्य साजिशकर्ता व शूटर
2. अबू हमजा उर्फ अफगान - फैजल जट्ट का करीबी सहयोगी, ए श्रेणी का कमांडर
3. यासिर उर्फ जिबरान - ए श्रेणी का कमांडर
Advertisment

डीएनए और बायोमेट्रिक से हुई पुष्टि

पहलगाम में हमले के दौरान मिली एक फटी हुई शर्ट पर मौजूद खून के निशान मारे गए आतंकियों के डीएनए से पूरी तरह मेल खाते हैं। एक चिप से इन तीनों के एनएडीआरए बायोमेट्रिक रिकॉर्ड भी मिले हैं, जिससे उनकी पाकिस्तानी नागरिकता की पुष्टि होती है। इनके गांव चंगा मांगा (जिला कसूर) और रावलकोट (पीओके) के आसपास स्थित हैं।

स्थानीय आतंकी नहीं शामिल

अधिकारियों ने बताया कि मिले सभी सबूतों से यह स्पष्ट है कि इस हमले में कोई स्थानीय आतंकी शामिल नहीं था। Operation Mahadev में मारे गए आतंकियों के पास से सैटेलाइट फोन डेटा, जीपीएस लोकेशन और डिजिटल कॉल लॉग भी मिले हैं। बैसरन में मिले 7.62×39 मिमी कारतूस के खोखे, 28 जुलाई को बरामद की गई तीनों एके-103 राइफलों से किए गए टेस्ट-फायर से मेल खाते हैं।
Pahalgam Terror Attack | jammu and kashmir terror attack | jammu kashmir latest update
Advertisment
jammu kashmir latest update jammu and kashmir terror attack Operation Mahadev Pahalgam Terror Attack
Advertisment
Advertisment