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Election Commission के लिए न पक्ष, न कोई विपक्ष, संवैधानिक जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटेगा आयोग

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बिहार में SIR प्रक्रिया पर उठाए गए सवालों और वोट चोरी के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि जब सात करोड़ से अधिक मतदाता चुनाव आयोग के साथ खड़े हैं, तो आयोग या मतदाताओं की विश्वसनीयता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता।

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Ranjana Sharma
Chief Election Commissioner Gyanesh Kumar
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया को लेकर उठे सवालों और वोट चोरी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने साफ कहा कि जब बिहार के सात करोड़ से अधिक मतदाता आयोग के साथ खड़े हैं, तो न तो चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर और न ही मतदाताओं की निष्ठा पर कोई सवाल उठाया जा सकता है।

शिकायत के लिए आयोग के दरवाजे सभी के लिए खुले

उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ वाले आरोप को खारिज करते हुए कहा कि आयोग के लिए न कोई पक्ष है और न विपक्ष, बल्कि सभी उसके लिए समान हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी शिकायत के लिए आयोग के दरवाजे हमेशा खुले हैं, लेकिन ऐसे मामलों में “वोट चोरी” जैसे शब्दों का इस्तेमाल सरासर गलत है। यदि आपत्ति थी तो कोर्ट में याचिका दाखिल की जानी चाहिए थी।

निजता के उल्लंघन पर चिंता

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि हाल में कुछ मतदाताओं की तस्वीरें और पहचान सार्वजनिक रूप से साझा की गईं, जो निजता का उल्लंघन है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या आयोग को किसी भी मतदाता चाहे वह मां, बहू या बेटी ही क्यों न हो का सीसीटीवी फुटेज साझा करना चाहिए? उन्होंने दोहराया कि केवल वही लोग वोट डालते हैं जिनके नाम मतदाता सूची में शामिल हैं।

पारदर्शिता की प्रक्रिया

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ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार में मतदाता सूची का सत्यापन जमीनी स्तर पर राजनीतिक दलों, बीएलओ और बूथ स्तर के एजेंटों की मौजूदगी में हो रहा है। ये सभी दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर कर रहे हैं और वीडियो प्रशंसापत्र भी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि जिलास्तर पर किए गए ये सत्यापन और प्रमाण पत्र उनके राज्य या राष्ट्रीय नेतृत्व तक नहीं पहुंच रहे, जिसके कारण तथ्यों को नज़रअंदाज कर भ्रम फैलाया जा रहा है।

डबल वोटिंग के आरोप खारिज

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि कुछ नेताओं ने डबल वोटिंग का आरोप लगाया था, लेकिन सबूत मांगने पर कुछ भी प्रस्तुत नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी और पारदर्शी प्रक्रिया में, जहां एक करोड़ से ज्यादा कर्मचारी, 10 लाख बीएलए और 20 लाख से अधिक पोलिंग एजेंट शामिल हों, वहां वोट चोरी जैसी बात संभव ही नहीं है।

चुनाव आयोग सबके साथ खड़ा है

ज्ञानेश कुमार ने कहा कि आयोग निडर होकर बिना किसी भेदभाव के गरीब, अमीर, बुजुर्ग, महिला और युवा सभी मतदाताओं के साथ खड़ा है। उन्होंने दोहराया कि भारत के मतदाताओं को निशाना बनाकर राजनीति करना गलत है, और चुनाव आयोग लोकतंत्र की रक्षा में चट्टान की तरह मजबूती से खड़ा रहेगा।

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