नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में एक बार फिर आतंकी गतिविधियों की आहट सुनाई दी है। सोमवार को हीरानगर इलाके में तीन संदिग्ध आतंकियों को देखे गए हैं। इस जानकारी के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। सुरक्षा बलों ने व्यापक तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। सुरक्षाबलों ने हीरानगर से सटे वन क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है।
पुलिस और सेना का संयुक्त सर्च ऑपरेशन
यह सर्च ऑपरेशन सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा चलाया जा रहा है। संदिग्धों की तलाश में हीरानगर और आस-पास के राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी चौकसी बढ़ा दी गई है। अधिकारियों के अनुसार, हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियां बेहद सतर्क हैं और किसी भी सूचना पर तुरंत कार्रवाई की जा रही है।
लगातार छठे दिन जारी है ऑपरेशन
यह तलाशी अभियान जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में चल रहे कई आतंकवाद विरोधी अभियानों का हिस्सा है। विशेष रूप से कठुआ, किश्तवाड़ और सांबा जिलों के जंगलों में सेना, CRPF और पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। कठुआ के लोवांग और सरथल इलाकों में संदिग्ध हलचल की खबरों के बाद 27 मई से यह ऑपरेशन जारी है, जो अब अपने छठे दिन में प्रवेश कर चुका है।
घाटी में डर का माहौल
22 अप्रैल को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने घाटी में डर का वातावरण बना दिया है। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। इसके बाद से ही पर्यटन उद्योग पर असर पड़ा है और लोग घाटी का रुख करने से बच रहे हैं। स्थिति को नियंत्रित करने और जनता में भरोसा बहाल करने के लिए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में अपनी पूरी मंत्रिपरिषद और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ उत्तर कश्मीर के बारामुल्ला जिले में एक बैठक की। यह बैठक पहलगाम की घटना के अगले ही दिन आयोजित की गई थी, जिससे सरकार के संकल्प को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
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