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Tirupati Temple Board: टीडीपी ने कहा, गैर-हिंदुओं को मंदिर की धार्मिक गतिविधियों में शामिल नहीं होने देंगे

तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) नेता नारा लोकेश ने कहा कि तिरुपति मंदिर बोर्ड के गैर-हिंदू कर्मचारियों को प्रबंधन निकाय की धार्मिक गतिविधियों से रोकने के फैसले पर कोई दोबारा विचार नहीं किया जाएगा।

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Mukesh Pandit
Temple

Photograph: (file)

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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।

तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) नेता नारा लोकेश ने कहा कि तिरुपति मंदिर बोर्ड के गैर-हिंदू कर्मचारियों को प्रबंधन निकाय की धार्मिक गतिविधियों से रोकने के फैसले पर कोई दोबारा विचार नहीं किया जाएगा, क्योंकि यह आंध्र प्रदेश में पार्टी की सरकार का रुख है। तेदेपा महासचिव और मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के बेटे लोकेश ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में भाजपा को अपनी पार्टी के पूर्ण समर्थन की पुष्टि की और कहा कि तेदेपा पूरी तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ है।

टीडीपी फैसले पर अडिग

तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर मंदिर का प्रबंधन करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के गैर-हिंदू कर्मचारियों से संबंधित निर्णय के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "'इस बारे में अडिग हैं। हमने चुनावों से पहले इस बारे में बात की थी और हम इस पर कायम हैं। हम इसे तार्किक निष्कर्ष तक ले जाएंगे।" 

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धार्मिक भावनाएं महत्वपूर्ण

राज्य सरकार के मंत्री ने कहा, "मैं स्पष्ट करना चाहता हूं। इसमें धार्मिक भावनाएं शामिल हैं।" उन्होंने अपनी बात रखने के लिए हिंदुओं को मस्जिद में काम करने की अनुमति नहीं दिए जाने का उदाहरण दिया। लोकेश ने कहा कि अगर इस फैसले को लेकर कोई कानूनी चुनौती आती है तो सरकार उसका मुकाबला करेगी। एक अधिकारी ने बताया कि टीटीडी के 18 कर्मचारी गैर-हिंदू धर्मों के अनुयायी बताए जाते हैं और मंदिर निकाय द्वारा आयोजित सभी धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यक्रमों में उनके भाग लेने पर रोक लगा दी गई है। टीडीपी ने पूर्ववर्ती वाईएसआर कांग्रेस सरकार पर गैर-हिंदुओं को इस निकाय में नियुक्त करने और हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया है। 

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गैर हिंदू कर्मचारियों को हटाने की तैयारी

आंध्र प्रदेश के तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने मंदिर के 18 कर्मचारियों को हटाने की तैयारी कर ली है। इन सभी को TTD के नियमों के खिलाफ जाकर काम करने का दोषी पाया गया है।ट्रस्ट ने सभी 18 कर्मचारियों के सामने दो शर्तें रखी हैं या तो सभी किसी दूसरे सरकारी विभाग में ट्रांसफर ले लें या फिर VRS (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) ले लें। ऐसा मंदिर की पवित्रता बनाए रखने के लिए किया जा रहा है। TTD 12 मंदिरों का रखरखाव करता है। इसमें 14 हजार से कर्मचारी काम करते हैं।

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