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Wall Street Journal और Reuters की बढ़ी मुश्किलें, FIP ने नोटिस भेजकर माफी और स्पष्टीकरण देने की मांग

भारतीय पायलट महासंघ (FIP) ने एयर इंडिया 171 दुर्घटना की अटकलों पर आधारित रिपोर्टिंग के लिए द वॉल स्ट्रीट जर्नल और रॉयटर्स को कानूनी नोटिस भेजा है। FIP ने दोनों संस्थानों से माफी मांगने, संबंधित सामग्री हटाने और स्पष्टीकरण जारी करने की मांग की है।

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Jyoti Yadav
Wall Street Journal Reuters over AI171 crash reports
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क | एयर इंडिया विमान दुर्घटना मामले पर द वॉल स्ट्रीट जर्नल और रॉयटर्स द्वारा जारी एक रिपोर्ट को लेकर भारतीय पायलट महासंघ (FIP) ने शुक्रवार, 18 जुलाई को दोनों ही मीडिया संस्थानों को लीगल नोटिस जारी किया है। मीडिया चैनलों की दुर्घटना पर  हालिया रिपोर्टों को लेकर औपचारिक नोटिस जारी कर कानूनी कार्रवाई शुरू की। भारतीय पायलट महासंघ (FIP)इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा कि  कानून के तहत कानूनी कार्रवाई शुरू की है और WSJ और रॉयटर्स को उनकी रिपोर्टों को लेकर एक नोटिस भेजकर माफी मांगी है। 

रॉयटर्स और द वॉल स्ट्रीट जर्नल को भेजे एक ईमेल में, FIP ने कहा, "हमारे संज्ञान में आया है कि अंतर्राष्ट्रीय मीडिया के कुछ वर्ग बार-बार चुनिंदा और असत्यापित रिपोर्टिंग के ज़रिए निष्कर्ष निकालने की कोशिश कर रहे हैं। इस तरह की कार्रवाई गैर-ज़िम्मेदाराना है, खासकर जब जांच अभी भी जारी है।" उन्होंने आगे कहा, "हालांकि इस स्तर की दुर्घटना ने जनता का ध्यान आकर्षित किया है और उन्हें सदमा पहुंचाया है, फिर भी यह समझना ज़रूरी है कि यह भारतीय विमानन उद्योग की सुरक्षा को लेकर, खासकर निराधार तथ्यों के आधार पर, जनता में चिंता या आक्रोश पैदा करने का समय नहीं है।" 

अटकलबाज़ी न करने का कड़ा आग्रह 

विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) द्वारा चल रही जांच का हवाला देते हुए, ईमेल में कहा गया है, "आधिकारिक पुष्टि और अंतिम रिपोर्ट के अभाव में ऐसी कोई भी सामग्री प्रकाशित या प्रसारित न करें जो दुर्घटना के कारणों पर अटकलें लगाती हो या किसी व्यक्ति, खासकर मृत पायलटों, को दोषी ठहराती हो।" एफआईपी ने आगे लिखा, "हमें यह दर्ज करने का निर्देश दिया जाता है कि इस तरह की अटकलें लगाने वाली सामग्री का प्रकाशन बेहद गैर-ज़िम्मेदाराना है, और इससे मृत पायलटों की प्रतिष्ठा को गंभीर और अपूरणीय क्षति हुई है, जो अपना बचाव करने में असमर्थ हैं। ऐसा करके, रॉयटर्स ने शोक संतप्त परिवारों पर अनावश्यक संकट भी डाला है, और पायलट बिरादरी का मनोबल गिराया है, जो भारी दबाव और सार्वजनिक ज़िम्मेदारी के तहत काम करती है।" एफआईपी ने मीडिया संस्थानों से आगे कोई भी अटकलबाज़ी न करने का कड़ा आग्रह किया है। 

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कानूनी नोटिस में रॉयटर्ससे विशेष रूप से अनुरोध किया गया है कि वह आधिकारिक पुष्टि और अंतिम रिपोर्ट के बिना दुर्घटना के कारणों पर अटकलें लगाने वाली या किसी व्यक्ति, विशेष रूप से मृत पायलटों को दोषी ठहराने वाली कोई भी सामग्री प्रकाशित या प्रसारित न करे। यह भी कहा कि 17 जुलाई 2025 के लेख की तुरंत समीक्षा और संशोधन करे, जिसमें एक उपयुक्त अस्वीकरण शामिल हो और ऐसी किसी भी सामग्री को हटा दे जिसे दोष देने के रूप में समझा जा सकता हो। एफआईपी ने उनसे एक स्पष्टीकरण जारी करने का भी अनुरोध किया है जिसमें यह स्वीकार किया गया हो कि अधिकारियों द्वारा कोई अंतिम निष्कर्ष जारी नहीं किया गया है और यह लेख द्वितीयक रिपोर्टों पर आधारित था। 

दुर्घटना में 260 लोगों की जान चली गई 

बता दें,  पिछले महीने यानी कि 12 जून 2025 को गुजरात के अहमदाबाद में हुए दुर्भाग्यपूर्ण एयर इंडिया 171 विमान दुर्घटना के बाद की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पर मीडिया में हुई हालिया कवरेज की कड़ी आलोचना की। इस दुर्घटना में 260 लोगों की जान चली गई थी। एनटीएसबी की अध्यक्ष जेनिफर होमेंडी ने एक बयान में कहा, "एयर इंडिया 171 दुर्घटना पर हालिया मीडिया रिपोर्टें समय से पहले और अटकलें लगाने वाली हैं। भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो ने अभी अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की है। इतने बड़े पैमाने की जांच में समय लगता है। हम एएआईबी की सार्वजनिक अपील का पूरा समर्थन करते हैं, जो जारी की गई थी, और इसकी जारी जांच का समर्थन करते रहेंगे। 

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