नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत की है। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम को लेकर ट्रंप को दो टूक कहा कि ना कभी मध्यस्थता स्वीकारी थी और ना स्वीकारेंगे। भारत-अमेरिका संबंधों को और प्रगाढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को क्वाड (QUAD) की अगली बैठक के लिए भारत आने का आमंत्रण दिया है। विदेश सचिव ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने यह निमंत्रण स्वीकार कर लिया है और भारत यात्रा को लेकर अपनी उत्सुकता भी जताई है।
पाकिस्तान के साथ विवाद में तीसरे की मध्यस्थता स्वीकार नहीं
विदेश सचिव के अनुसार इस फोन कॉल में प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत ने कभी भी पाकिस्तान के साथ चल रहे विवादों में किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की है और भविष्य में भी इस नीति पर कायम रहेगा। यह बयान ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान लगातार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मध्यस्थता का आग्रह करता रहा है, लेकिन भारत ने हमेशा इसे अस्वीकार किया है और द्विपक्षीय वार्ता के जरिए ही समाधान निकालने पर जोर दिया है।
'ऑपरेशन सिंदूर' पर हुई बात
मोदी-ट्रंप बातचीत में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का मुद्दा भी उठा, जो हाल ही में भारत द्वारा सीमा क्षेत्र में चलाया गया सैन्य अभियान था। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि यह ऑपरेशन पाकिस्तान की अपील और अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वॉन्स के कॉल आने के बाद अस्थायी तौर पर रोका गया था। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से स्पष्ट होता है कि भारत न केवल अपने राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को प्राथमिकता देता है, बल्कि मानवीय पहलुओं को भी ध्यान में रखता है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि सीजफायर का अनुरोध पाकिस्तान की ओर से आया था और भारत ने इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए स्थिति को नियंत्रित किया। यह कदम दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने और शांति बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है।
भारत की विदेश नीति में स्थिरता और स्पष्टता
यह बातचीत भारत की विदेश नीति की स्थिरता और स्पष्टता को दर्शाती है। भारत ने हमेशा से कहा है कि जम्मू-कश्मीर और अन्य विवादित मुद्दे द्विपक्षीय वार्ता के जरिए ही सुलझाए जाएंगे, और किसी भी बाहरी ताकत की मध्यस्थता को वह स्वीकार नहीं करेगा। प्रधानमंत्री मोदी के स्पष्ट शब्द इस बात का प्रतीक हैं कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों के प्रति कितनी सजग और सशक्त है। इस बातचीत का एक और महत्वपूर्ण पहलू भारत-अमेरिका के बीच बढ़ती रणनीतिक साझेदारी भी है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को क्वाड की अगली बैठक के लिए भारत आने का निमंत्रण देना और ट्रंप द्वारा इसे स्वीकार करना दोनों देशों के बीच बढ़ते कूटनीतिक और सुरक्षा सहयोग का संकेत है। इस साझेदारी के तहत क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और वैश्विक मुद्दों पर मिलकर काम करने की उम्मीद जताई जा रही है। पीएम मोदी | donald trump | india pakistan