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Pahalgam Terror Attack: विनय नरवाल ने दो आतंकियोंं को दबोच लिया था, हिमांशी बोलीं पल भर में ...

विनय नरवाल ने पूरा मामला समझने में देर नहीं की और तुरंत ही दोनों को गर्दन से दबोच लिया। इनमें से एक जैसे- तैसे विनय के कब्जे से छूट गया और उसी ने विनय के सिर में गोली मारी।

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Dhiraj Dhillon
करनाल में अपने पति को सैल्यूट कर अंतिम विदाई देतीं हिमांश नरवाल, पहलगाम में शव के साथ

Photograph: (Google)

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करनाल, वाईबीएन नेटवर्क। नवविवाहित विनय नरवाल और हिमांशी रिसोर्ट से बाहर निकलकर भेलपूरी खा रहे थे। तभी दो अजनबी वहां पहुंचे। कोई कुछ समझ पाता, उससे पहले ही ऑटोमेटिक हथियार निकाल लिए और धर्म के बारे में पूछताछ शुरू कर दी। अचानक इस तरह के सवाल सुन सन्नाटा सा पसर गया, लेकिन विनय नरवाल ने पूरा मामला समझने में देर नहीं की और तुरंत ही दोनों को गर्दन से दबोच लिया। इनमें से एक जैसे- तैसे विनय के कब्जे से छूट गया और उसी ने विनय के सिर में गोली मारी। यह बातें करनाल पहुंची हिमांशी ने सुबकते हुए बयां की हैं। जो करीब एक सप्ताह पहले ही विनय नरवाल के साथ वैवाहिक बंधन में बंधी थीं और हनीमून के लिए दोनो पहलगाम गए हुए थे।
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“नाम पूछा, जो हिंदू निकले, गोली मार दी”

21 अप्रैल को अपने हनीमून के लिए जम्मू-कश्मीर के पहलगाम पहुंचे थे। उन्होंने एक होटल में ठहरने के बाद 22 अप्रैल की दोपहर भोजन किया और आसपास की वादियों में घूमने निकल गए। उसी दौरान यह आतंकी हमला हुआ। हिमांशी ने परिजनों को बताया कि हमलावरों ने सबसे पहले लोगों से उनका नाम और मजहब पूछा। जो हिंदू निकले, उन्हें गोली मार दी गई। हमले के बाद हिमांशी का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह चीख-चीख कर मदद मांग रही हैं और बता रही हैं कि कैसे पहले नाम पूछा गया, फिर मजहब और फिर गोली मार दी गई। वह बेहद डरी और टूटी हुई नजर आ रही हैं। एक तस्वीर में वह विनय के शव के पास बैठी हुई हैं, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।

चाचा बोले- हिमांशी ने फोन करके दी थी जानकारी

विनय के दादा हवा सिंह ने बताया कि 22 अप्रैल को जब यह हमला हुआ, उस समय वे लोग रास्ते में कुछ खाने के लिए रुके थे। यह वही क्षण था जिसने उनके पोते की जिंदगी छीन ली। विनय के चाचा सुरजीत नरवाल ने भी बताया कि हिमांशी ने फोन पर घटना की जानकारी दी और कहा कि विनय ने दो आतंकियों को पकड़ भी लिया था, लेकिन एक के हाथों वे शहीद हो गए। परिवार वालों ने बताया कि एक मई को विनय का जन्मदिन था। हनीमून से लौटने के बाद परिवार ने उसके लिए एक बड़ी पार्टी रखने की योजना बनाई थी। तीन मई को विनय और हिमांशी को कोच्चि लौटना था, जहां उनके लिए गेस्ट हाउस भी बुक कर लिया गया था।

भयावह हमले ने दिल दहला दिए

22 अप्रैल, मंगलवार को पहलगाम की बायसरन घाटी में सेना की वर्दी पहने आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। उन्होंने पहले लोगों का धर्म और नाम पूछा, पहचान पत्र देखे और फिर हिंदू पहचान वालों को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया। इस हमले में 26 लोगों की जान गई, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। साथ ही दो विदेशी नागरिक और दो स्थानीय लोग भी मारे गए।
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