Waqf Amendment Bill को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिल गई है। अब यह कानून बन गया है। बुधवार को लोकसभा में और फिर बृहस्पतिवार को राज्यसभा में वक्फ संसोधन विधेयक को मंजूरी दे दी गई थी। संसद से विधेयक पास होने के बाद अनुमोदन के लिए राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को भेजा गया था। शनिवार देर रात राष्ट्रपति ने विधेयक को मंजूरी दे दी।
सरकार ने जारी की अधिसूचना
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिलने के बाद सरकार की ओर से अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। अधिसूचना में कहा गया है कि वक्फ संसोधन विधेयक को संसद से पारित होने के बाद अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी प्राप्त हो चुकी है। बता दें कि बुधवार को लोकसभा में और बृहस्पतिवार को राज्यसभा में यह बिल पेश होने के दौरान पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली थी।
विपक्ष और कुछ संगठनों ने विरोध दर्ज कराया
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इसे अलोकतांत्रिक करार देते हुए सड़कों पर प्रदर्शन और अदालत में कानूनी लड़ाई लड़ने का ऐलान किया था। इसके अलावा कांग्रेस सपा और आम आदमी पार्टी समेत इंडिया ब्लॉक में शामिल तमाम दलों ने संविधान संसोधन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए इसे लोकतंत्र के खिलाफ करार दिया था। मामले में कांग्रेस सांसद जावेद, एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी और आम आदमी पार्टी के विधायक
अमानतुल्लाह खान की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की गई है। आने वाले दिनों में कुछ और याचिका भी दाखिल हो सकती हैं।
जानिए नए कानून का क्या है उद्देश्य
नए वक्फ संसोधन कानून का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन कर दुरुपयोग को रोकना है और गरीब मुस्लिमों तक इसका लाभ पहुंचाना है। इसके साथ ही नए कानून में किसी भी सरकारी संपत्ति को वक्फ घोषित न किए जाने की शर्त लगाई गई है। इसके साथ ही पंजीकरण और सर्वेक्षण की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया गया है। सर्वेक्षण में वक्फ संपत्तियों की जांच की जाएगी। यदि किसी संपत्ति पर कोई दावा होगा तो उसे सुना जाएगा। दावा न होने पर संपत्ति का स्वामित्व वक्फ को सौंप दिया जाएगा। डॉक्यूमेंटेशन से भविष्य में विवाद की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी।
कब क्या हुआ
वक्फ संसोधन विधेयक 2024 में संसद में रखा गया था, लेकिन विपक्ष के विरोध के चलते यह विधेयक संयुक्त संसदीय सामिति को चला गया था। समिति ने विधेयक लेकर लाखों लोगों के बयान लिए। मुस्लिम संगठनों से बात की। समिति ने अपने विवेक से कुछ जरूरी बदलाव भी विधेयक में किए। उसके बाद बुधवार और बृहस्पतिवार को क्रमशः लोकसभा और राज्यसभा में बिल को पारित किया गया।
हालांकि सरकार ने यह कई बार स्पष्ट किया है कि कानून किसी भी लिहाज से
मुस्लिम विरोधी नहीं है, लेकिन फिर कुछ मुस्लिम संगठन और विपक्ष इस तरह के आरोप लगा रहा है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून बन गए इस संसोधन को पूरे देश में लागू किया जाएगा।