नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
कल Lok Sabha में वक्फ बिल पेश होगा। इस पर चर्चा के लिए आठ घंटे का समय निर्धारित किया गया है। प्रश्नकाल के तुरंत बाद वक्फ बिल चर्चा के लिए सदन के समक्ष रखा जाएगा। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि अगर सदन चाहेगा को चर्चा का समय बढ़ाया भी जा सकता है। दूसरी ओर भाजपा ने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर कहा कि सभी सांसद 2 अप्रैल को अनिवार्य रूप से पूरे समय सदन में मौजूद रहे और सरकार के पक्ष का समर्थन करें। हालांकि इस व्हिप वक्फ बिल का उल्लेख करने के बजाय अति महत्वपूर्ण विधायी कार्यों की बात कही गई है।
“हम सदन में खुले मन से चर्चा करना चाहते हैं”
केंद्रीय मंत्री किरने रिजिजू ने कहा है कि वक्फ बिल पर हम खुले मन सदन में चर्चा करना चाहते हैं, लेकिन विपक्ष ने चर्चा में अड़ंगा डालने का प्रयास किया तो मैं कुछ नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि हर राजनीतिक दल को अपनी बात रखने का अधिकार है और देश सुनना चाहता है कि संशोधन विधेयक पर किस राजनीतिक दल का क्या रुख है। यह चर्चा हजारों साल तक दर्ज रहेगी, यह बात रिकॉर्ड में रहेगी कि किसने संशोधन विधेयक का विरोध किया और किसने समर्थन।
यह है एनडीए की जीत का गणित
लोकसभा में इस समय राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के कुल 293 सांसद हैं। बिल पास करने के लिए 272 यानी साधारण बहुमत की जरूरत है जबकि लोकसभा में एनडीए सांसदों की यह संख्या बहुमत से 21 ज्यादा है। एनडीए सांसदों में 240 सांसद भाजपा के हैं। एनडीए में शामिल दलों की बात करें तो टीडीपी के सबसे ज्यादा 16 सांसद हैं। इसके अलावा जदयू के 12, एनजेपी के पांच, शिवसेना (शिंदे) के सात लोकसभा सदस्य हैं। जदयू और टीडीपी जैसे बड़े सहयोगियों ने वक्फ बिल मामले में अपना रुख साफ करते हुए सरकार के समर्थन की बात कही है। विपक्ष की बात करें तो कुल सांसदों की संख्या 233 है, सबसे अधिक कांग्रेस के 99, सपा के 37 सांसद हैं। बिल का विरोध कर रही टीएमसी और एआईएमआईएम के सदस्यों को भी जोड़ लिया जाए तो यह 250 तक नहीं पहुंचती।