Waqf Amendment Bill को लेकर विपक्ष का आरोप है कि वक्फ एक्ट-1995 में प्रस्तावित संसोधनों से वक्फ संपत्तियों पर केंद्र सरकार का नियंत्रण बढ़ जाएगा, जबकि सरकार का पक्ष है कि संसोधन से जहां वक्फ की संपत्तियों का रखरखाव बेहतर तरीके से हो सकेगा, वहीं वक्फ के लाभ चंद मुस्लिमों में सीमित नहीं रहेंगे और हर मुसलमान को वक्फ का लाभ मिलेगा। मुस्लिम महिलाओं को भी आगे बढ़ने के मौके मिलेंगे।
विपक्ष पर भ्रम फैलाने का आरोप
वक्फ संशोधन बिल को लेकर सरकार लगातार विपक्ष पर भ्रम फैलाने का आरोप लगा रही है। वहीं कांग्रेस ने जेपीसी से इस विधेयक को मनमाने तरीके से पास कराने और कांग्रेस की ओर से दिए गए प्रस्ताव शामिल न करने का आरोप लगाया है, जबकि सपा मुखिया अखिलेश यादव का कहना है कि हमारी पार्टी शुरू से ही इस विधेयक के विरोध में है। उन्होंने कहा है कि भाजपा हर जगह कब्जा जमाना चाहती है,
विधेयक के विरोध में वोट करेगा इंडिया गठबंधन
इंडिया गठबंधन ने बैठक कर सर्व सम्मति से Lok Sabha में विधेयक के विरोध में मतदान का फैसला लिया है। मंगलवार को parliament से वॉकआउट कर विपक्ष अपने रुख के संकेत दे चुका है। आम आदमी पार्टी का आरोप है कि सरकार मनमानी कर रही है। ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस भी इस बिल का विरोध कर रही है। एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने कहा है कि हम चर्चा में रहेंगे और जरूरी संसोधनों को शामिल किए जाने की मांग करेंगे।
वक्फ बोर्ड उत्तराखंड चेयरमैन ने विधेयक को “उम्मीद” बताया
वक्फ संशोधन विधेयक पर उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शादाब शम्स का कहना है कि "गरीब मुसलमानों को पीएम मोदी से बड़ी उम्मीदें हैं, इसीलिए हमने इस
संशोधन विधेयक का नाम 'उम्मीद' रखा है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू उम्मीद की किरण हैं। मोदी सरकार ने तय किया है कि वे गरीब मुसलमानों को मुख्यधारा में लाएंगे। यह '70 साल बनाम मोदी कार्यकाल' है। विपक्ष के पास 70 साल थे और उन्होंने जो कर सकते थे किया। उन्होंने वक्फ को लूटा। अमीरों ने गरीबों के हक लूटे।
जानिए जिया उर रहमान बर्क क्या बोले
संभल से सपा के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने कहा कि हम वक्फ संसोधन विधेयक के पहले से ही इस खिलाफ हैं। जब यह विधेयक पहली बार सदन में लाया गया था, हमारी पार्टी और नेता
अखिलेश यादव ने इसका कड़ा विरोध किया था। इस विधेयक में कई ऐसी बातें हैं जो हमारे लोगों के अधिकारों को छीन रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि जेपीसी ने कोई सुधार करने के बजाय औपचारिकता की है। हम चाहते हैं कि सरकार तानाशाही करना बंद करे।