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नवाब मलिक(file)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कःशरद पवार का साथ छोड़कर अजित पवार के साथ आने का फैसला नवाब मलिक के दिन बदलने वाला साबित हो रहा है। उनके खिलाफ दायर मानहानि के दो केसों में बीजेपी नेता ने अपनी शिकायत को वापस ले लिया है। कभी नवाब मलिक के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले बीजेपी नेता का कहना है कि वो रोजरोज कोर्ट नहीं आ सकते।
बीजेपी नेता कोर्ट से बोले- रोज रोज चक्कर नहीं काट सकते
अदालत में नवाब मलिक के खिलाफ शिकायत बीजेपी नेता मोहित भारतीय कंबोज ने की थी। एक शिकायत 7 नवंबर, 2021 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर थी जबकि दूसरी शिकायत मलिक के इस आरोप से संबंधित थी कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) भाजपा के प्रभाव में काम कर रहा है। एक अदालत ने मलिक को नोटिस जारी किया था, लेकिन बाद में जमानत दे दी गई थी। 2021 में मलिक महाराष्ट्र सरकार में मंत्री थे, जहां शरद पवार के नेतृत्व वाली तत्कालीन अविभाजित एनसीपी महा विकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल दलों में से एक थी। भाजपा विपक्ष में थी। मलिक के खिलाफ शिकायतें तब आईं जब केंद्रीय एजेंसियां कुछ मंत्रियों के खिलाफ जांच कर रही थीं। शिकायतों की सुनवाई के दौरान मलिक ने एक याचिका दायर कर कहा कि शिकायतें लंबे समय से लंबित हैं और उन पर जल्द सुनवाई होनी चाहिए।
दाऊद से लिंक के चलते नवाब मलिक गए थे जेल
महाराष्ट्र की राजनीति में नवाब मलिक एक जानामाना नाम हैं। एक ऐसा नाम जो बगैर किसी खौफ के अपनी बात करता था। जब शाहरुख खान के बेटे आर्यन को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने जेल में डाला तो वो नवाब मलिक ही थे जिन्होंने एजेंसी के खिलाफ आवाज उठाई। लेकिन वो बीते जमाने की बात थी। आवाज उठाने का खामियाजा नवाब मलिक को भुगतना पड़ा। मोस्ट वांटेड दाऊद इब्राहिम से कनेक्शन के चलते वो जेल गए तो बाहर आने के लिए तरस गए। मेडिकल ग्राउंड पर ही वो जेल से बाहर आ सके। जेल से बाहर आए तो कुछ समय तक चुप रहे और फिर उसके बाद सियासी तौर पर सक्रिय हुए। अजित पवार ने जब चाचा शरद पवार को गच्चा देकर एकनाथ शिंदे का हाथ थामा तो नवाब मलिक उनके साथ हो लिए। अब वो अजित के साथ हैं और सत्ता का सुख भोग रहे हैं। शरद पवार का साथ छोड़ने की एवज में नवाब मलिक को इनाम भी मिले। जेल जाने का खतरा पूरी तरह से खत्म हो गया तो अब उनके खिलाफ जो केस बीजेपी नेताओं ने दायर किए थे वो एक के बाद एक करके वापस लिए जा रहे हैं।
अजित पवार ने मानखुर्द से दिया था टिकट, हार गए चुनाव
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के दौरान नवाब मलिक की उम्मीदवारी को लेकर काफी बवाल भी हुआ था। मलिक ने जब मानखुर्द सीट से पर्चा भरा तो तो राज्य की सियासत गरमा गई। भाजपा ने मलिक की उम्मीदवारी का विरोध किया था। मुंबई भाजपा के अध्यक्ष आशीष शेलार ने कहा था कि उनकी पार्टी नवाब मलिक का प्रचार नहीं करेगी। वहीं, शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने मलिक को दाऊद का सहयोगी कहा था और चुटकी ली कि कैसे एक दाऊद का दोस्त भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन के हिस्से के रूप में चुनाव लड़ रहा है। हालांकि नवाब मलिक अणुशक्ति नगर से विधायक रहे थे, लेकिन 2024 में उन्होंने अपनी बेटी सना मलिक के लिए यह सीट छोड़ दी थी। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मानखुर्द शिवाजी नगर विधानसभा सीट से एनसीपी (अजित पवार) उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़े थे। लेकिन वो हार गए। trendingnews not present in content
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