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वाईबीएन डेस्क, नई दिल्ली। पूरा देश आज (26 जुलाई) कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) मना रहा है। वीर जवानों की शहादत को सलाम कर रहा है। साल 1999 में पाकिस्तानी सेना (Pakistan Soldier) ने कारगिल (Kargil) की ऊंची पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया था। भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय (Operation Vijay) शुरू किया और उन्हें खदेड़ा था।
उत्तराखंड के 75 बलिदानी
जंग 60 दिन चली थी। 26 जुलाई 1999 को भारत ने सभी चोटियों पर तिरंगा फहराया। युद्ध में 527 भारतीय जवान शहीद (Indian Soldier Martyred) हुए थे। इस दिन को याद करके भारतवासियों के दिल में देशभक्ति की लहर दौड़ जाती है। वीरों की कुर्बानियां आंखों के सामने आने लगती हैं। युद्ध में सबसे ज्यादा उत्तराखंड (Uttarakhand) के जवान शहीद हुए थे। यहां के 75 सैनिक शहीद हुए थे। इस छोटे से प्रदेश के हर जिले से वीर सपूतों ने मातृभूमि के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी थी। उनकी शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता। खास बात है कि उत्तराखंड की 15 प्रतिशत आबादी पूर्व सैनिकों की है। उत्तराखंड (Uttarakhand) की गढ़वाल राइफल्स (Garhwal Rifles) और कुमाऊं रेजिमेंट (Kumaon Regiment) के जवानों ने युद्ध में वीरता की मिसाल कायम की थी।
हिमाचल प्रदेश दूसरे नंबर पर
सबसे ज्यादा शहादत देने वाला राज्यों में हिमाचल प्रदेश दूसरे नंबर है। इस प्रदेश के 52 जवान शहीद हुए थे। इनमें कैप्टन विक्रम बत्रा (Captain Vikram Batra) शामिल हैं, जिन्हें मरणोपरांत परमवीर चक्र (Paramveer Chakra) मिला। राइफलमैन संजय कुमार (Rifleman Sanjay Kumar) को परमवीर चक्र (Paramveer Chakra) मिला है।
ऊंची चोटियों से हमला कर रहे थे पाकिस्तानी सैनिक
भारतीय सेना (Indian Soldier) ने बर्फीले मौसम और कठिन पहाड़ी इलाकों में दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया। भारतीय सेना (Indian Soldier) के लिए राह आसान नहीं थी, क्योंकि दुश्मन देश के जवान ऊंची चोटियों से भारतीय जवानों पर हमला कर रहे थे। भारतीय सपूतों ने जान की परवाह किए बिना पाकिस्तानी सैनिकों को ढेर किया। कैप्टन विक्रम बत्रा (Captain Vikram Batra), लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे (Lieutenant Manoj Kumar Pandey) जैसे कई वीरों ने पराक्रम के बल पर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया और शहीद हो गए।
युद्ध में 5-10 हजार करोड़ रुपए खर्च
भारत ने युद्ध में 5,000 करोड़ से 10,000 करोड़ रुपये खर्च किए। वायुसेना (Air Force) के ऑपरेशन में ही 2000 करोड़ रुपये खर्च हो गए थे। पाकिस्तान (Pakistan) के लगभग 3000 सैनिक मारे गए थे। हालांकि, पाकिस्तान (Pakistan) ने सिर्फ 357 मौतों की जानकारी दी थी।
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