शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता
पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने की कार्रवाई से कारगिल शहीद रमेश चंद्र की पत्नी वीरनारी सुनीता सही समय पर सटीक कार्रवाई बताती हैं। उन्होंने कहा कि सुबह-सुबह यह खबर सुनते ही मेरी आंखों में खुशी के आंसु छलक उठे। भारतीय सेना ने जिस तरह से पाकिस्तान में घुसकर उनके यहां आतंकी ठिकाने ध्वस्त किए हैं वह अच्छी बात है। जिस तरह से पाकिस्तान आतंकवादियों को शरण दे रहा है और भारत में निर्दोषों को मरवा रहा है वह बहुत निंदनीय है।
कारगिल युद्ध के दौरान शाहजहांपुर के रमेश चंद्र दुश्मन से लोहा लेते हुए बलिदान हुए थे। तब रमेश चंद्र के बच्चे बहुत छोटे थे। बलिदानी रमेश चंद्र की पत्नी वीरनारी सुनीता देवी ने कठिन परिस्थितियों में बच्चों को पढ़ाया। मौजूदा समय में सुनीता बरेली में रहकर बच्चों की पढ़ाई करा रही हैं। सुनीता का कहना है कि बुधवार की सुबह हमें सूचना मिली कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादी ठिकानों को नेस्तनाबूद किया है। इससे हमें बहुत खुशी मिली। हमें पूरी उम्मीद ही नहीं विश्वास है कि भारतीय सेना अपने बलिदानियों के लहू को व्यर्थ नहीं जाने देगी। इस तरह की कार्रवाई को जारी रखा जाए और आतंकवाद को खत्म किया जाए। सुनीता ने बताया कि पाकिस्तान की वजह से ही एक मैं अकेली नहीं न जाने कितनी बहनों के सामने कठिन जिंदगी गुजारनी पड़ी है। मुझे अब उम्मीद लग रही है कि आतंकवाद का सफाया जरूर होगा।
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