नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। पाकिस्तान का चेहरा बेनकाब करने के लिए भारत सरकार ने सात सदस्यीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का गठन किया है। इसमें देश के प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं को शामिल किया है। भारत सरकार के ऑल पार्टी डेलीगेशन में भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद का नाम भी शामिल है। सूत्रों के अनुसार, रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया जैसे इस्लामिक देशों का दौरा करेगा। आइए जानते हैं कि रविशंकर प्रसाद को यह अहम जिम्मेदारी सौंपने के पीछे क्या वजह है।
कौन हैं रविशंकर प्रसाद?
रविशंकर प्रसाद भाजपा के दिग्गज नेता और अधिवक्ता हैं। वे कई दशकों से भारतीय राजनीति में सक्रिय हैं और अनेक बार राज्यसभा के सदस्य रहे हैं। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी दोनों की सरकारों में महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली है, जिनमें कानून और न्याय, संचार, और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय शामिल हैं।
रविशंकर प्रसाद को क्यों सौंपी अहम जिम्मेदारी?
रविशंकर प्रसाद अपनी वाकपटुता और मुखर बयानों के लिए जाने जाते हैं। रविशंकर प्रसाद की कूटनीतिक समझ, वैश्विक कनेक्शन और प्रभावी संवाद कौशल से हर कोई वाकिफ है। पार्टी हो या देश का मसला, वे अपने पक्ष को बेहतरीन तरीके से रखना बखूबी जानते हैं। इसीलिए उन्हें भारत सरकार के महत्वपूर्ण मिशन के लिए चुना गया है। रविशंकर प्रसाद को कानून के साथ वैश्विक मामलों की भी अच्छी समझ है, यही वजह है कि पाकिस्तान को बेकनाब करने के मकसद से बनाए गए प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनाया गया है और अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है।
कौन-कौन करेगा प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व?
भारत सरकार ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ एक संयुक्त राजनीतिक संदेश देने के लिए सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल गठित किए हैं। सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में सांसद रविशंकर प्रसाद, कांग्रेस सांसद शशि थरूर, जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष और सांसद संजय झा, शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे, राकांपा सांसद सुप्रिया सुले, द्रमुक सांसद कनिमोझी और भाजपा सांसद बैजनाथ पांडा का नाम शामिल है, यह नेता प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।
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