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जानें Muslim Personal Law Board क्यों शुरू किया आंदोलन ? क्या है इनकी रणनीति ? कब तक चलेगा अभियान ?

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने वक्फ कानून के विरोध में दिन का "वक्फ बचाव अभियान" शुरू किया है, जिसमें करोड़ हस्ताक्षर जुटाकर पीएम मोदी को सौंपे जाएंगे।

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Ajit Kumar Pandey
MUSLIM PERSONAL LAW BOARD

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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क ।

waqf | ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने नए वक्फ कानून के खिलाफ शुक्रवार से "वक्फ बचाव अभियान" शुरू किया है। यह 87 दिन तक चलने वाला राष्ट्रव्यापी आंदोलन है जिसमें 1 करोड़ हस्ताक्षर जुटाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपे जाएंगे।

अभियान अवधि: 11 अप्रैल से 7 जुलाई तक (87 दिन)

मुख्य मांग: वक्फ संशोधन कानून को निरस्त किया जाए

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आंदोलन का स्वरूप: शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक

उद्देश्य: वक्फ संपत्तियों की स्वायत्तता बनाए रखना

आंदोलन की रणनीति, प्रमुख कार्यक्रम

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तारीख  कार्यक्रमस्थान
22 अप्रैल'तहफ्फुज-ए-औकाफ कारवां'दिल्ली (तालकटोरा स्टेडियम)
30 अप्रैलप्रतीकात्मक ब्लैकआउट (रात 9-9:30 बजे)पूरे देश में
7 मईविरोध रैलीदिल्ली (रामलीला मैदान)

अन्य गतिविधियां

  • जुमे की नमाज के बाद मानव श्रृंखला बनाना
  • 50 प्रमुख शहरों में प्रेस कॉन्फ्रेंस
  • राज्यों की राजधानियों में धरना प्रदर्शन
  • AIMPLB की महिला विंग द्वारा जागरूकता अभियान
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विवादास्पद कानून पर विरोध के कारण

AIMPLB ने कानून के खिलाफ निम्नलिखित आपत्तियां जताई हैं...

संपत्ति अधिकार: वक्फ संपत्तियों पर "अवैध कब्जे" का खतरा।

स्वायत्तता: वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति का विरोध।

धार्मिक स्वतंत्रता: संविधान के अनुच्छेद 25-26 का उल्लंघन।

भेदभाव: हिंदू/सिख धार्मिक संस्थानों के साथ असमान व्यवहार।

कानूनी और राजनीतिक स्थिति

सर्वोच्च न्यायालय: 17 याचिकाएं दाखिल, 16 अप्रैल को सुनवाई।

संसदीय मंजूरी: 2-3 अप्रैल को पारित, 5 अप्रैल को राष्ट्रपति की स्वीकृति।

राजनीतिक समर्थन: कांग्रेस, राजद, AIMIM सहित 15 दल विरोध में।

विरोध और समर्थन

विरोध में...

  • ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
  • जमीयत उलेमा-ए-हिंद
  • राजस्थान मुस्लिम फोरम (28 संगठन)

समर्थन में...

  • ऑल इंडिया वुमेन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

सरकार का दावा: गरीब मुस्लिमों विशेषकर महिलाओं के हित में।

आगे की राह

AIMPLB ने इस आंदोलन को 1985 के शाह बानो मामले जैसा व्यापक बनाने का लक्ष्य रखा है। संगठन ने समुदाय से शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जताने और भावनात्मक प्रतिक्रियाओं से बचने की अपील की है।

(यह खबर AIMPLB के आधिकारिक बयानों और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है।)

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