इंदौर, आईएएनएस। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले में जान गंवाने वाले सुशील नथानियल को गुरुवार को अंतिम विदाई दी गई। इस मौके पर हर किसी की आंखें नम थीं और उनकी पत्नी जेनिफर बेसुध थीं। लेकिन वह आतंकियों की बर्बरतापूर्ण कहानी को बताए जा रही थीं।
शव देख रोने लगा परिवार
सुशील का शव बुधवार रात को इंदौर पहुंचा और गुरुवार को वीणा नगर कॉलोनी स्थित उनके आवास से शव यात्रा शुरू हुई। शव यात्रा में शामिल सभी लोग गमगीन थे और परिवार के सदस्यों का रो-रो कर बुरा हाल था, वहीं उनके दोस्त सुशील की खूबियां गिना रहे थे।
क्रिश्चियन हैं...सुनते ही मार दी गोली
सुशील की पत्नी जेनिफर बेसुध थीं और पति की मौत का घटनाक्रम बता रही थीं। उन्होंने बताया कि जो आतंकवादी थे, वे बहुत कम उम्र के थे और उन्होंने सुशील के सीने पर बंदूक अड़ा कर कलमा पढ़ने को कहा, लेकिन सुशील ने यही कहा कि वह क्रिश्चियन हैं और कलमा उन्हें पढ़ना नहीं आता। इतना सुनते ही आतंकियों ने उन्हें गोली मार दी। गोली सुशील के सीने में लगी थी। उन्होंने मेरी जान बचाने के लिए अपनी जान दे दी।
बिलखते हुए सुनाई आतंक की खौफनाक दास्तां
आतंकवादियों की कायराना करतूत का जिक्र करते-करते जेनिफर का गला रुंध जाता है और फिर उनकी जुबान से शब्द नहीं निकलते। उनकी आंखों से लगातार आंसू बह रहे हैं और वे भी समझ नहीं पा रही हैं कि यह सब कैसे हो गया। सुशील अलीराजपुर स्थित एलआईसी की सैटेलाइट शाखा में पदस्थ थे और वे चार दिन पहले ही अपने परिवार के अन्य सदस्यों, जिसमें बेटा एस्टन, बेटी आकांक्षा और पत्नी जेनिफर शामिल हैं, के साथ कश्मीर गए थे। बेटी आकांक्षा बैंक ऑफ बड़ौदा में नौकरी करती है, उसके भी पैर में गोली लगी है।
पहलगाम आतंकी हमला
बता दें कि आतंकवादियों ने मंगलवार दोपहर को पहलगाम में घूमने आए पर्यटकों पर हमला किया था। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई। इंदौर के वीणा नगर निवासी सुशील नथानियल भी इस हमले में जान गंवाने वाले लोगों में शामिल हैं।