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Vastu के अनुसार- हमारी जिंदगी पर असर डालता है मोबाइल का वॉलपेपर, जानें क्या कहता है वास्तु शास्त्र?

वास्तु शास्त्र की मानें तो, हमारे आसपास मौजूद हर चीज एक खास ऊर्जा लेकर आती है, अगर मोबाइल दिनभर हमारी आंखों के सामने रहता है, तो उसका वॉलपेपर भी कहीं न कहीं हमारे जीवन को दिशा देने लगता है।

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YBN News
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Mobilewallpaper Photograph: (IANS)

नई दिल्ली। आज के डिजिटल दौर में मोबाइल हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। वास्तु शास्त्र की मानें तो, हमारे आसपास मौजूद हर चीज एक खास ऊर्जा लेकर आती है, जो हमारे सोचने के तरीके, मूड और फैसलों को प्रभावित करती है। अगर मोबाइल दिनभर हमारी आंखों के सामने रहता है, तो उसका वॉलपेपर भी कहीं न कहीं हमारे जीवन को दिशा देने लगता है।

मोबाइल का वॉलपेपर

ज्यादातर लोग सुबह नींद से उठते ही सबसे पहले फोन देखते हैं और रात को सोने से पहले तक मोबाइल में ही बिजी रहते हैं। मोबाइल हमारे हाथों में जितनी देर रहता है, उतनी देर हमारी आंखें उसकी स्क्रीन पर टिकी रहती हैं। ऐसे में जो चीज उस स्क्रीन पर सबसे ज्यादा दिखती है, वो है मोबाइल का वॉलपेपर। 

सकारात्मक ऊर्जा

वास्तु शास्त्र के अनुसार, वॉलपेपर हमारे मन पर गहरा असर डालते हैं। बहुत से लोग मोबाइल के वॉलपेपर पर मंदिर, मस्जिद, चर्च या किसी धार्मिक स्थल की तस्वीर लगाना पसंद करते हैं। उन्हें लगता है कि इससे सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। लेकिन, वास्तु शास्त्र का मानना अलग है।

इसी तरह देवी-देवताओं की फोटो को भी मोबाइल पर लगाना शुभ नहीं माना जाता। भारतीय संस्कृति में भगवान को बहुत आदर और सम्मान दिया गया है, लेकिन जब वही तस्वीरें हमारी स्क्रीन पर आती हैं, तो अनजाने में हम उन्हें बार-बार टच करते हैं, उन्हें ऐसी जगहों पर ले जाते हैं, जो पवित्र नहीं मानी जातीं। इससे सकारात्मकता की जगह विपरीत असर देखने को मिल सकता है, जो जीवन में रुकावटों का कारण बन सकता है।

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मोबाइल एक ऐसा उपकरण

दरअसल, मोबाइल एक ऐसा उपकरण है, जिसे हम हर जगह लेकर जाते हैं, चाहे वॉशरूम हो, रसोई हो, या फिर कोई भी जगह हो। कई बार हम गंदे हाथों से भी मोबाइल चला लेते हैं। ऐसे में पवित्र स्थानों की तस्वीर को इस तरह की जगहों पर ले जाना या अनजाने में अपमानित करना सही नहीं माना जाता। इससे हमारे मन में अनजाने में अशांति और असंतुलन उत्पन्न हो सकता है।

नकारात्मक इमेज

कुछ लोगों को अपने मूड के हिसाब से वॉलपेपर बदलने की आदत होती है। अगर मन उदास हो, तो उदासी वाला वॉलपेपर, अगर गुस्सा हो, तो अंधेरे या तूफान जैसी तस्वीरें। शुरू में तो ये सब मन को सूट करता है, लेकिन धीरे-धीरे यही तस्वीरें हमारी सोच का हिस्सा बन जाती हैं।

वास्तु के अनुसार, जब हम बार-बार नकारात्मक इमेज देखते हैं, तो वह ऊर्जा हमारे भीतर बसने लगती है। ऐसे में काम में मन नहीं लगता, फैसले लेने में कठिनाई होती है, और आत्मविश्वास धीरे-धीरे कम हो जाता है।

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 (इनपुट-आईएएनएस)

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