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बुग्गा रामलिंगेश्वर मंदिर: 12 ज्योतिर्लिंगों वाला अद्भुत तीर्थ स्थल, मिलता अखंड सौभाग्यवती का वरदान

तेलंगाना में स्थित श्री बुग्गा रामलिंगेश्वर मंदिर धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र स्थल माना जाता है। कहा जाता है कि यहां भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग एक साथ विराजमान हैं। मंदिर की सबसे खास बात इसका चमत्कारी झरना है, जो निरंतर बहता है।

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YBN News
BuggaRamalingeshwaraTemple

BuggaRamalingeshwaraTemple Photograph: (ians)

नई दिल्ली। तेलंगाना के निजामाबाद जिले में स्थित श्री बुग्गा रामलिंगेश्वर मंदिर धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र स्थल माना जाता है। कहा जाता है कि यहां भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग एक साथ विराजमान हैं। मंदिर की सबसे खास बात इसका चमत्कारी झरना है, जो वर्षभर निरंतर बहता रहता है और इसी जल से शिवलिंगों का प्राकृतिक रूप से जलाभिषेक होता रहता है। श्रद्धालु मानते हैं कि इस जल में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। शिवरात्रि के अवसर पर यहां हजारों भक्त दर्शन के लिए उमड़ते हैं। 

तेलंगाना में प्राचीन मंदिर

भगवान शिव के भक्तों की इच्छा होती है कि देशभर में बने 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने जरूर जाएं, लेकिन हर किसी के लिए यह संभव नहीं है। तेलंगाना में एक ऐसा प्राचीन मंदिर है, जिसके दर्शन मात्र से ही 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन का पुण्य मिलता है। 

इस मंदिर के दर्शन से पहले और बाद में भक्तों को कई अन्य मंदिरों के दर्शन करने पड़ते हैं, तभी भगवान शिव के अवतार में विराजमान भगवान बुग्गा के दर्शन पूरे होते हैं। श्री बुग्गा राम लिंगेश्वर मंदिर कामारेड्डी जिले के मद्दिकुंटा गांव में है। मंदिर पहाड़ी पर है और यहां पहुंचने के लिए भक्तों को कठिन यात्रा करनी पड़ती है। मंदिर मद्दिकुंटा गांव से 2.5 किमी दूर है। 

मंदिर की स्थापना भगवान राम ने की

पौराणिक कथा के अनुसार, इस मंदिर की स्थापना भगवान राम ने की है। जब वह रावण का वध करके वापस अयोध्या लौट रहे थे तो उन्हें सैकट लिंगम (भगवान शिव के स्वरूप) की पूजा करनी थी। जलाभिषेक के लिए पानी नहीं था, तो भगवान राम ने झरने का निर्माण किया था। इसी जल से आज भी भगवान शिव का जलाभिषेक होता है। इसी कारण मंदिर को श्री बुग्गा राम लिंगेश्वर मंदिर कहा जाता है। 

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कतार से बारह ज्योतिर्लिंग

मंदिर में प्रवेश करते ही कतार से बारह ज्योतिर्लिंग दिख जाएंगे, जिस पर लगातार जल बहता रहता है। माना जाता है कि जल औषधीय गुणों से भरपूर है और इससे कई रोगों से छुटकारा मिलता है। माना जाता है कि जो भी इन ज्योतिर्लिंग का दर्शन करता है, उसे 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन का पुण्य मिल जाता है। गर्भगृह में शिवलिंग विराजमान है। वहां भगवान शिव माता पार्वती के साथ विराजमान हैं। मंदिर में दर्शन से पहले इसन्नापल्ली क्षेत्र में बने कालभैरव स्वामी का दर्शन जरूरी होता है। 

अखंड सौभाग्यवती का वरदान

श्री बुग्गा राम लिंगेश्वर मंदिर बहुत बड़े क्षेत्र में बना है और परिसर में धर्मशाला, गोशाला, आश्रम और वीरभद्र बगीचा है। मंदिर से थोड़ी दूरी पर मंगला गौरी देवी हैं। मंगला गौरी को शृंगार चढ़ाने से अखंड सौभाग्यवती का वरदान मिलता है।मंदिर परिसर में अलग-अलग मंदिर बने हैं। परिसर में भक्तों को नवग्रह के अलग-अलग मंदिर, भगवान हनुमान का मंदिर, भगवान गणेश और संतान नाग मंदिर देखने को मिल जाएंगे। मान्यता है कि इस मंदिर में दर्शन करने के बाद उत्तम गुणी संतान की प्राप्ति होती है।

 (इनपुट-आईएएनएस)

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